विज्ञान

वैज्ञानिकों ने किया दावा: असीमित ऊर्जा खनन का तरीका, क्या हैं परेशानी?

Triveni
16 Jan 2021 12:15 PM GMT
वैज्ञानिकों ने किया दावा: असीमित ऊर्जा खनन का तरीका, क्या हैं परेशानी?
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जिस ब्लैक होल के रहस्यों को आज तक वैज्ञानिक पूरी तरह सुलझा या समझ नहीं पाए हैं, एक ताजा स्टडी में दावा किया गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| जिस ब्लैक होल के रहस्यों को आज तक वैज्ञानिक पूरी तरह सुलझा या समझ नहीं पाए हैं, एक ताजा स्टडी में दावा किया गया है कि उसकी ऊर्जा के दोहन की बात की गई है। इस स्टडी के मुताबिक ब्लैकहोल से इतना रेडिएशन और गर्मी निकलती है कि वह मानव सभ्यता के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है। दरअसल, ब्लैक होल के इर्द-गिर्द एक डिस्क होती है जिसमें कई मटीरियल और ऑब्जेक्ट होते हैं। ब्लैक होल के कारण इस डिस्क में इतना घर्षण (friction) होता है कि उससे निकलने वाली ऊर्जा हमारी जरूरतों को पूरा कर सकती है।

वैज्ञानिकों ने किया दावा
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस डिस्क के चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) को तोड़कर फिर जोड़ने का तरीका निकाल लिया गया तो उससे असीमित ऊर्जा मिल सकती है। दिलचस्प बात यह है कि यह डिस्क ब्लैक होल के इवेंट होराइजन (event horizon या point of no return) के करीब होती है जहां से रोशनी तक वापस नहीं आ सकती है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के रिसर्च साइंटिस्ट लूका कॉमीसो के मुताबिक ब्लैक होल के आसपास ऐसे प्लाज्मा पार्टिल (charge) होते हैं जिनमें एक चुंबकीय क्षेत्र होता है।
कैसे हो सकता है मुमकिन?
लूका का कहना है, 'हमारी थिअरी कहती है कि जब इस चुंबकीय क्षेत्र की रेखाएं सही तरीके से टूटती और फिर जुड़ती हैं, तो उससे ये प्लाज्मा पार्टिकल निगेटिव एनर्जी में एक्सिलरेट होते हैं और बड़ी मात्रा में ब्लैक होल एनर्जी हासिल की जा सकती है।' यह स्टडी फिजिकल रिव्यू डी जर्नल में छपी है और इसमें इस बात को आधार बनाया गया है कि दोबारा जोड़े जाने पर चुंबकीय क्षेत्र प्लाज्मा पार्टिकल्स को अलग-अलग दिशाओं में तेजी देता है। एक दिशा ब्लैक होल के घूमने की ओर हो सकती है और दूसरी उससे दूर।
क्या है परेशानी?
जो पार्टिकल ब्लैक होल के घूमने की दिशा में जाते हैं, वे उससे अलग छिटक सकते हैं। अगर ब्लैक होल के अंदर जाने वाले प्लाज्मा में निगेटिव एनर्जी हो, तो इस प्रक्रिया से बड़ी मात्रा में ऊर्जा पैदा हो सकती है। स्टडी में कहा गया है कि ergosphere नाम के क्षेत्र में स्पेसटाइम कंटीन्यूअम (Spacetime continuum) इतना तेजी से घूमता है कि हर ऑब्जेक्ट ब्लैक होल की दिशा में ही घूमने लगता है। यहां चुंबकीय रेखाओं के दोबारा जुड़ने पर प्लाज्मा पार्टिकल लाइट की स्पीड पर पहुंच जाते हैं। स्टडी के सह-लेखक फिलीप अहेन्जो के मुताबिक इन प्लाज्मा पार्टिकल्स की तेज वेलॉसिटी (रफ्तार) की वजह से भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा हो सकती है। उनका कहना है कि यह फिजिक्स के मुताबिक यह मुमकिन है लेकिन यह एक टेक्नॉलजिकल प्रॉब्लम है।


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