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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भले ही आरटी-पीसीआर की तुलना में एंटीजन टेस्ट कम प्रमाणिक हो लेकिन रैपिड टेस्टिंग में तेजी लाकर कोरोना महामारी को कुछ सप्ताह में ही खत्म किया जा सकता है। जर्नल 'साइंस एडवांसेज' में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि इस तरह की रणनीति अपनाने से रेस्तरां, बार, रीटेल स्टोर और स्कूलों को बंद करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य शोधकर्ताओं के मुताबिक विभिन्न प्रकार के कोरोना परीक्षणों की संवेदनशीलता का स्तर दुनियाभर में व्यापक रूप से भिन्न है।
एंटीजन टेस्ट में रक्त में संबंधित एंटीबॉडी मिलने से व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने का संकेत मिलता है, जबकि आरटी-पीसीआर टेस्ट डीएनए पर आधारित विश्लेषण कर कोरोना की पुष्टि करता है, जिसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। इसे अंतिम और प्रमाणिक माना जाता है। आरटी-लैंप नाम का परीक्षण आरटी-पीसीआर की तुलना में 100 गुना अधिक वायरस का पता लगा सकता है। शोध के दौरान विज्ञानियों ने पाया कि संक्रमण पर रोक लगाने में कम प्रमाणिक तेज टेस्टिंग अधिक महत्वपूर्ण है।
शोध के प्रमुख लेखक और कोलोराडो विश्वविद्यालय से ताल्लुक रखने डेनियल लारमोर ने कहा कि जब सार्वजनिक स्वास्थ्य की बात आती है तो तुरंत मिलने वाला कम प्रमाणिक टेस्ट एक दिन बाद मिलने वाले अधिक प्रमाणिक टेस्ट से ज्यादा अच्छा है। वहीं अमेरिका स्थित हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से ताल्लुक रखने वाले माइकल मीना ने कहा कि रैपिड टेस्ट कोरोना का पता लगाने में अत्यधिक उपयोगी हैं। कुछ रैपिड टेस्ट 15 मिनट में परिणाम बताते हैं जबकि पीसीआर टेस्ट दो से तीन दिन का समय लेता है।
शोधकर्ताओंका मानना है कि जिस तरह से दुनिया में कोरोना की नई लहर देखी जा रही है और संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है कोरोना टेस्टिंग की रणनीति में भी बदलाव करने की जरूरत है। इस बीच दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 5.80 करोड़ के पार हो गया है। दुनियाभर में संक्रमण से अब तक 13.79 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अमेरिका कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। कोविड-19 के संक्रमितों और इससे मरने वालों की सख्यां के लिहाज से दुनिया में यह पहले स्थान पर है। अमेरिका में संक्रमण से अब तक 2,55,804 लोगों की मौत हो चुकी है।