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दिल के मरीज अपनी बीमारी से अब नहीं अंजान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हार्ट अटैक होगा या नहीं, इसकी जानकारी कुछ साल पहले ही एक्स-रे की मदद से दी जा सकेगी। इस पर रिसर्च करने वाले ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का कहना है, हार्ट से जुड़ी महाधमनी में जब कैल्शियम का लेवल अधिक बढ़ जाता है तो हार्ट अटैक पड़ने का खतरा 4 गुना तक बढ़ता है।
रिसर्च के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें दिल की बीमारी के कारण हो रही हैं। लेकिन एक्स-रे की मदद से हर साल हजारों जिंदगी बचाई जा सकती हैं।
दिल के मरीज अपनी बीमारी से अंजान
रिसर्च करने वाली ऑस्ट्रेलिया की एडिथ कोवन यूनिवर्सिटी के प्रो. जोश लेविस कहते हैं, कई लोगों को यह पता नहीं चल पाता कि वो दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं। न ही उन्हें धमनी में कैल्शियम इकट्ठा होने का कोई लक्षण महसूस होता है।
महाधमनी शरीर का वो हिस्सा है जहां हार्ट से पहले कैल्शियम जमा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे एओर्टिक कैल्शिफिकेशन कहते हैं। अगर समय पर इसका पता लगा लिया जाए तो दवाओं के जरिए बीमारी बढ़ने से रोका जा सकता है।
धमनी में कैल्शियम जमने से ब्लड सर्कुलेशन होता है बाधित
महाधमनी का काम ब्लड को हार्ट तक पहुंचाना है, लेकिन जब इसमें जब कैल्शियम जमा होना शुरू होता है तो यह संकरी होती चली जाती है। कैल्शियम बढ़ने पर इसमें ब्लड का सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। नतीजा, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
एक्सपर्ट कहते हैं, शरीर में ऐसी स्थिति खानपान में गड़बड़ी, स्मोकिंग और सिटिंग जॉब के कारण बनती है। कुछ मामलों में ऐसा अनुवंशिकतौर पर भी होता है।
देश का हाल: 20 सालों मेंं सबसे ज्यादा मौते दिल की बीमारी से
2000 से 2019 तक, पिछले 20 सालों में भारत में सबसे ज्यादा मौतें दिल की बीमारी से हुईं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पिछले 20 साल में हार्ट डिसीज से 20 लाख से अधिक मौते हुईं। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) की रिपोर्ट कहती है, देश में हार्ट डिसीज के बढ़ते मामलों की सबसे बड़ी वजह हाई ब्लड प्रेशर और खराब खानपान है। स्मोकिंग करने वाले 83 फीसदी लोगों में हार्ट डिसीज होने का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि, हालिया रिसर्च में सामने आया है देश में लोगों की स्मोकिंग करने की आदत घट रही है।ग्रामीण क्षेत्रों में हृदय रोगों के मामले ज्यादा
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, अब ग्रामीण क्षेत्रों में हृदय रोगों के मामले बढ़ रहे हैं। यहां पुरुषों में 40 फीसदी और महिलाओं में 56 फीसदी तक हार्ट के मामलों में बढ़ोतरी हुई। हृदय रोगों से सबसे ज्यादा मौतें तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में हो रही हैं। वहीं, स्ट्रोक से होने वाली मौत के सबसे ज्यादा मामले नार्थ ईस्ट, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ में सामने आ रहे हैं।
मौतों का आंकड़ा इसलिए भी नहीं घट रहा
2016 में आई WHO की एक रिपोर्ट कहती है, शहरी क्षेत्रों में 58 फीसदी डॉक्टर्स के पास मेडिकल डिग्री है जबकि गांवों में यही आंकड़ा मात्र 19 फीसदी है। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के मुताबिक, गांव में 8 फीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के चल रहे हैं। 61 फीसदी केंद्रों में मात्र एक डॉक्टर है। मामले और मौतें बढ़ने की और भी कई वजह हैं। इनमें गरीबी, स्वास्थ्य सुविधाएं और सलाह न मिल पाना और स्मोकिंग शामिल हैं।
Gulabi
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