विज्ञान

वैज्ञानिकों ने नई स्टडी में किया दावा- ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ सकती है मृत्यु-दर

Gulabi Jagat
11 April 2022 10:47 AM GMT
वैज्ञानिकों ने नई स्टडी में किया दावा- ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ सकती है मृत्यु-दर
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ग्लोबल वार्मिंग का असर पूरी दुनिया पर हो रहा है
ग्लोबल वार्मिंग का असर पूरी दुनिया पर हो रहा है. साइंटिस्ट और पर्यावरणविद (Scientist and Environmentalist) पिछले कई सालों से इसके खतरों को लेकर चेतावनी देते आ रहे हैं. अब यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (University College London) और यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग (university of reading) के रिसर्चर्स द्वारा की गई स्टडी में पाया है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान बढ़ने से जुड़ी मृत्यु-दर काफी बढ़ जाएगी. बता दें कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़े तापमान से सीधे तौर पर जुड़ी मौतें, 'तापमान संबंधी मृत्यु दर' कहलाती है. स्टडी में सामने आया है कि अगर इंग्लैंड और वेल्स में इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन के पहले के लेवल के मुकाबले 2 डिग्री सेल्सियस भी गर्मी बढ़ती है, तो साल में सबसे गर्म दिन 42 फीसदी तक बढ़ जाएंगे. इसका मतलब होगा कि वर्तमान में साल के 10 सबसे गर्म दिनों में रोजाना लगभग 117 मौतों की जगह, 166 मौतें देखने को मिलेंगी.
स्टडी के नतीजे ग्लोबल वार्मिंग के लेवल में दो डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी को उजागर करता है. इस स्टडी का निष्कर्ष 'एनवायरमेंटल रिसर्च लेटर्स (environmental research letters)' जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
सर्दियों में डेथ रेट में कमी
वर्तमान में लगभग 1.21 ड्रिगी सेल्सियस के ग्लोबल वार्मिंग लेवल में हम सर्दियों के तापमान से जुड़े डेथ रेट के मामले में मामूली कमी देखते हैं और गर्मियों में इसका न्यूनतम प्रभाव देखते हैं. इसका मतलब है कि इस लेवल की वार्मिंग में कुल मिलाकर तापमान संबंधी डेथ रेट में मामूली कमी देख सकते हैं.
क्या कहते हैं जानकार
इस स्टडी की राइटर और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में एनवायरमेंट और जियोमैटिक इंजीनियरिंग विभाग की डॉ कैटी हुआंग (Dr Katty Huang) का कहना है, मौजूदा वार्मिंग लेवल में वृद्धि मुख्य रूप से लू के दौरान देखी गई है. अभी इसमें और बढ़ोतरी होगी.
ग्लोबल वार्मिंग के इफेक्ट्स पर स्टडी
रिसर्च टीम ने इंग्लैंड और वेल्स में तापमान-संबंधी मृत्यु दर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की स्टडी की. इसमें गर्मियों में गर्मी और सर्दियों ठंड से होने वाली मौतों पर ध्यान केंद्रित रखा गया. जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर औसत तापमान बढ़ता जाएगा, गर्मियों में तापमान संबंधी मृत्यु दर बहुत तेज होगी.
कैसे बढ़ जाएगी मृत्यु दर…
उपरोक्त बदलावों को जब एक ग्राफ पेपर पर चार्ट के रूप में बनाया जाता है, तो तापमान और मृत्यु दर के बीच संबंध मोट तौर पर यू-आकार का हो जाएगा. उसका अर्थ है कि अत्याधिक उच्च तापमान होने की स्थिति में दैनिक औसत तापमान में हर एक डिग्री की बढ़ोतरी होने पर डेथ रेट भी तेजी से बढ़ जाएगा और सर्दियों में ये दर कम होती जाएगी.
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