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वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं की गरीबी बच्चों के दिमाग पर कैसे डालती है असर

Gulabi
14 April 2021 8:32 AM GMT
वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं की गरीबी बच्चों के दिमाग पर कैसे डालती है असर
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वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं

गरीबी के वजह से बच्चों के दिमाग पर उम्र भर के लिए असर हो सकता है। न्यूरोसाइंस की नई विकसित हो रही शाखा के अनुसार कम पोषण के भोजन, ज्यादा तनाव और निम्न स्तरीय शिक्षा का उनकी भाषा, गुस्से पर नियंत्रण, सीखने और याद रखने आदि से संबंध हो सकता है।

कई वैज्ञानिक मान रहे हैं कि अमेरिकी सरकार द्वारा दिए जा रहे महामारी राहत पैकेज से बच्चों के दिमागी विकास पर भी सकारात्मक असर हो सकता है।
न्यूरोसाइंस की नई शाखा के अनुसार गरीबी की वजह से बच्चों के दिमाग पर उम्रभर के लिए असर हो सकता है। यह कितना गहरा होगा, इसमें क्या सुधार या बचाव किए जा सकते हैं, इसी के विस्तृत अध्ययन के लिए अमेरिका के कई शहरों में एक हजार मांओं व नवजात बच्चों पर बेबी'ज फर्स्ट ईयर्स नाम से शोध शुरू किया गया है।
दरअसल, अब तक यह माना जाता था कि गरीबी में पलने की वजह से बच्चे शैक्षिक योग्यता, स्वास्थ्य व रोजगार में पीछे रह जाते हैं। लेकिन विकसित होते बच्चों के दिमाग पर गरीबी क्या असर डालती है, इसे समझने का वैज्ञानिक आधार नहीं है। पिछले 15 वर्ष में कई अध्य्यनों में दावा किया गया कि इसकी वजह से दिमाग की बाहरी सतह पर कोशिकाओं की परत छोटी रह जाती है।
परिवारों को क्या दे
बेबी'ज फर्स्ट ईयर्स अध्य्यन वर्ष 2018 से शुरू हुआ। कोलंबिया विवि के न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. किंबर्ले नोबल के अनुसार अगर परिवारों को नगद भुगतान न हो तो बच्चों के सीखने समझने और भावनात्मक मानसिक विकास पर असर समझने को न्यूयॉर्कसिटी न्यू ओलियंस ओमाहा में 1000 महिलाओं और उनके बच्चों को अध्य्यन में शामिल किया गया। इन्हें हर महीने 15 से 25 हजार रुपये तक दिए जा रहे हैं जिसे वे जैसा चाहें खर्च कर सकते हैं।

मोबाइल ईईजी से पढ़ें जा रहे दिमागी पैटर्न
शोध में शामिल बच्चों के एक से तीन साल की उम्र तक मानसिक विकास को समझने के लिए मोबाइल ईईजी उपकरण से उनके दिमाग की गतिविधियो का परीक्षण किया जा रहा है। इस जांच में कोई चीरफाड़ नहीं करनी पड़ती है। केवल दिमाग की तरंगों के पैटर्न का 20 इलेक्ट्रोड्स कैप से अध्ययन होता है। मां बच्चों को मिल रहे पोषण, परिस्थियों परिवार के हालात आदि पर भी बात की जा रही है।
न्यूरोसाइंस ने पहले भी डाला है असर
समाज की सोच और नीतियों पर न्यूरोसाइंस ने पहले भी असर डाला है। अध्ययनों से अपराध में शामिल किशोरों को लेकर नीतियों में सुधार किए गए हैं।
1960 व 90 के दशक में ऐसे शोध से अनाथलयों में पले बच्चों के लिए सरकार द्वारा बेहतर सुविधाएं देने का चलन भी आया।


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