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कोविड में आए म्यूटेशन ने बढ़ाई चिंता
वैज्ञानिक इस बात पर स्टडी कर रहे हैं कि भारत में वर्तमान मामलों में उछाल का क्या कारण है. इसमें पाया गया कि कोरोना वायरस का 'भारतीय प्रकार' जिसे बी.1.617 कहा जा है यह कोरोना मामले बढ़ने का कारण है. भारत सरकार द्वारा स्थापित वैज्ञानिक सलाहकारों ने कोरोनोवायरस के कुछ नमूनों में मामूली बदलाव के बारे में अधिकारियों को बताया है जो ये प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बच सकते हैं और अधिक इसमें अध्ययन की आवश्यकता है.
सलाहकारों ने कहा कि जब वे नमूनों में इस बदलाव को चिह्नित कर रहे थे, तो वर्तमान में यह कहने का कोई कारण नहीं है कि ये ज्यादा खतरनाक हो सकता हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बी.1.617 को चिंता का विषय घोषित नहीं किया है, जैसा कि ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पता चला है. लेकिन डब्ल्यूएचओ ने 27 अप्रैल को कहा कि जीनोम अनुक्रमण के आधार पर इसके शुरुआती मॉडलिंग ने सुझाव दिया कि बी.1.617 भारत में फैलने वाले अन्य वैरिएंट की तुलना में अधिक वृद्धि दर थी.
वैरिएंट को बारीकी से ट्रैक करने की जरूरत
भारतीय SARS-CoV-2 जेनेटिक्स कंसोर्टियम या INSACOG के रूप में पहचाने जाने वाले सलाहकारों के फोरम ने अब कोरोनोवायरस में और अधिक बदलाव पाया है. उन्हें लगता है कि इसे बारीकी से ट्रैक करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वह कुछ नमूनों में बदलाव देखे जा रहे हैं.
जब तक आप उन वायरस का परीक्षण नहीं करते हैं, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता. अभी ये नहीं कहा जा सकता है कि ये वैरियेंट खतरनाक है या नहीं. भारत ने शनिवार को पहली बार 4 लाख से ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए गए. राजधानी नई दिल्ली सहित कई जगहों पर मेडिकल ऑक्सीजन और अस्पताल के बेड की कमी देखी जा रही है.
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