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पश्चिम चंपारण, जासं। प्रखंड के किसी भी पंचायतों में मृदा परीक्षण का कार्य नहीं होता है। मृदा परीक्षण नहीं होने से मिट्टी के अंदर कौन-कौन से तत्व की कमी है। इसकी जानकारी किसानों को नहीं हो पाती है। जिससे किसान तरह-तरह की खाद अपने खेतों में देते हैं। लेकिन उसका ज्यादा फायदा फसल को नहीं मिल पाता है । हालांकि कृषि कार्य के लिए किसी भी वैज्ञानिक पद्धति का उत्थान अभी प्रखंड कार्यालय में नहीं हुआ है। न ही यहां कृषि कर्मियों के द्वारा लोगों को मिट्टी जांच कराने एवं वैज्ञानिक तरीके तरीके से किसी करने की जानकारी भी दी जाती है। किसान अभी भी पुराने तरीके से खेती करते हैं। जिससे उनकी उपज काफी कम होती है। मिट्टी में किस तत्व की कमी है इसकी जानकारी यहां के किसानों को नहीं हो पाती । किसानों को यह भी जानकारी नहीं हो पाती है कि खेतों में कौन सी खाद कितनी मात्रा में देनी चाहिए। जो फसल के लिए लाभदायक होता है।