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- सर्दी से लंबी ज़िंदगी...
जनता से रिश्ता बेबडेस्क | तापमान का सेहत ही नहीं, सीधे-सीधे उम्र से संबंध दिख रहा है। कम टेंपरेचर में रहने वाली आबादी उम्र के साथ आने वाली कई बीमारियों जैसे अल्जाइमर्स और डिमेंशिया से कुछ हद तक बची रहती है, और उनकी औसत आयु भी गर्म इलाके की आबादी से ज्यादा रहती है। एवरेज लाइफ की तुलना करने पर ये फर्क साफ हो जाता है, लेकिन इसपर वैज्ञानिकों ने अध्ययन हाल में शुरू किया। जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोजन (German University of Cologne) के शोधकर्ताओं ने माना कि लंबी उम्र के मामले में कम तापमान निर्णायक साबित होता है।
इसके लिए सिनोरहैब्डाइटिस एलिजेन (Sinorhabditis allergen) नाम के कीड़े और मानवीय कोशिकाओं पर लैब में एक साथ प्रयोग शुरू हुआ। इस दौरान पाया गया कि औसतन 15 डिग्री सेल्सियस पर रहने से सेल्स से खराब हो चुका प्रोटीन हटने लगता है और उसकी जगह नया प्रोटीन ले लेता है। इसे प्रोटीसम एक्टिवेटर कहा गया। ऐसे एक एक्टिवेटर की पहचान PA28y/PSME3 के तौर पर हुई, जो एजिंग रोकने में मदद करता है। इसके लिए बहुत कम तापमान नहीं, बल्कि 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तक टेंपरेचर भी काफी रहता है।
शोधकर्ताओं ने माना कि इस नतीजे की मदद से उम्र बढ़ाने के नए तरीकों पर काम हो सकेगा, साथ ही डिमेंशिया, पार्किंसन्स और अल्जाइमर्स जैसी बीमारियों से भी काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। ये सारी बीमारियां न्यूरोडिजेनरेटिव डिसीज हैं, जिसमें खराब प्रोटीन का हाथ होता है।