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अगले माह के मध्य तक भारत को रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम मिलने की उम्मीद है
What is s-400 deal, S-400 Missile System: अगले माह के मध्य तक भारत को रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम मिलने की उम्मीद है. यह एक ऐसा मिसाइल सिस्टम है जिससे भारत को अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने में मदद मिलेगी. 15 अक्टूबर 2016 को भारत और रूस के बीच इस मिसाइल सिस्टम को लेकर सरकार के स्तर पर समझौता हुआ था. यह सौदा करीब 40 हजार करोड़ रुपये का है. अब करीब पांच साल बाद भारत को यह मिसाइल सिस्टम मिलने जा रहा है.
मिसाइल सिस्टम की खासियत
यह दुनिया की एक सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम है. द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने 2017 में इसे दुनिया का सबसे आधुनिक डिफेंस सिस्टम बताया था. यह एक मोबाइल सिस्टम है. यानी इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. इस सिस्टम में एक बेहद बड़े ट्रक पर रडार, मिसाइलें और लॉन्चर तैनात किए जाते है. इस पूरे सिस्टम को कुछ ही मिनट के भीतर फायर करने के लिए तैयार किया जा सकता है. इसमें खास 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार (92N6E electronically-steered phased array radar) लगा हुआ है जो 600 किमी की दूरी से ही 300 लक्ष्यों को पता लगा सकता है. यह सिस्टम इन लक्ष्यों को मार गिराने के लिए चार अलग-अलग तरह की मिसाइलों को दागने में सक्षम है.
हर सिस्टम में चार तरह की मिसाइलें
प्रत्येक एस-400 सिस्टम में चार तरह की मिसाइलें लगी हैं. इसमें से पहली मिसाइल 400 किमी, दूसरी 200 किमी, तीसरी 100 किमी और चौथी 40 किमी रेंज की है. ये कुछ ऐसी मिसाइलें है जिनके वार से किसी भी लक्ष्य के लिए बचना करीब-करीब असंभव है. यह सिस्टम धरती से 100 फीट की ऊंचाई से लेकर 40 हजार फीट की ऊंचाई तक के लक्ष्य को भेद सकता है.
एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को भेद सकता है यह सिस्टम
यह एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को भेद सकता है. इसमें लड़ाकू विमानों से लेकर क्रूज मिसाइलें तक शामिल हैं. यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग को भी तोड़ सकता है. भारतीय वायु सेना इस सिस्टम पर बीते पांच सालों से नजर रख रही थी. अभी वायु सेना के पास मौजूद एयर डिफेंस सिस्टम केवल 40 किमी तक के खतरों को मार गिराने में सक्षम है.
इजराइल से ये मिसाइल खरीद रहा है भारत
भारत अगले साल तक इजराइल से मीडियम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीद रहा है. इन मिसाइलों के मिलने के बाद भारतीय सेना किसी भी खतरे को 80 किमी पहले ही मार गिरा सकती है.
एस-400 से पूरे भारत के आसमां को मिलेगी सुरक्षा
एक रिपोर्ट के मुताबिक एस-400 की तैनाती से भारत के पूरे हवाई क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. इस डिफेंस सिस्टम से भारत की सुरक्षा बेजोड़ हो जाएगी. तभी तो वायु सेना ने सरकार को सुझाया था कि अमेरिका से प्रतिबंध की आशंका के बावजूद रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहिए.
भारत खरीद रहा 5 एस-400
भारत रूस से पांच एस-400 डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है. अगले माह के मध्य तक इसकी पहली खेप मिल जाएगी. भारतीय सेना के विशेषज्ञ अधिकार इस साल जनवरी से ही रूस में इस सिस्टम को चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. भारत ने 2019 में सिस्टम के लिए 80 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था. यह पूरा सौदा करीब 40 हजार करोड़ रुपये का है. राफेल लड़ाकू विमानों की तरह यह भी एक बेहद बड़ा सुरक्षा सौदा है.
चीन के पास पहले से है एस-400
चीन ने पहले ही रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद चुका है. उसने 6 सिस्टम खरीदे हैं. उसमें से दो की तैनाती उनसे वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से पास कर रखी है. रिपोर्ट के मुताबिक एएससी के करीब शिंजियांग के होटन एयर बेस पर एक सिस्टम तैनात है जबकि दूसरा तिब्बत में नयिंग्चि एयर बेस पर तैनात है.
Rani Sahu
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