विज्ञान

रूस का मून मिशन फेल, भारत के चंद्रयान-3 से रेस हारा

jantaserishta.com
20 Aug 2023 11:37 AM GMT
रूस का मून मिशन फेल, भारत के चंद्रयान-3 से रेस हारा
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मॉस्को: रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा है कि उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान "अज्ञात समस्या" में फंसने के बाद चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मीडिया ने रविवार को यह खबर दी। मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, लैंडिंग-पूर्व कक्षा में प्रवेश करते समय अंतरिक्ष यान अज्ञात समस्याओं में फंस गया और "अनियंत्रित कक्षा में चला गया"।
इससे पहले, अंतरिक्ष यान को एक "असामान्य स्थिति" का सामना करना पड़ा जब वह चंद्रमा पर अपनी लैंडिंग-पूर्व कक्षा में स्थानांतरित होने की तैयारी कर रहा था। रोस्कोस्मोस ने शनिवार को एक बयान में कहा, "ऑपरेशन के दौरान अंतरिक्ष यान को एक आपात स्थिति का सामना करना पड़ा जिसके कारण यह आवश्यक मापदंडों के अनुसार कक्षा परिवर्तन नहीं कर सका।''
लूना-25 ने बुधवार को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। टीएएसएस समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लूना-25 ने 11 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 4.40 बजे रूस में वोस्तोचन लॉन्च सुविधा से सोयुज-2.1बी रॉकेट के साथ उड़ान भरी थी।
रूस का आखिरी चंद्र मिशन, लूना-24, पूर्व सोवियत संघ जमाने में 1976 में लॉन्च किया गया था। लूना-25 के साथ, रूस का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनना था। इसके अलावा, लूना-25 को लगभग उसी समय और उसी सामान्य क्षेत्र में उतारने की योजना थी, जहां भारत की चंद्रयान-3 को उतारने की योजना थी जो 14 जुलाई को लॉन्च हुआ और 6 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा।
मीडिया रिपोर्ट्स में रोस्कोस्मोस के हवाले से कहा गया है कि लूना-25 चंद्रयान-3 में बाधा नहीं बनेगा क्‍योंकि दोनों मिशन अलग-अलग इलाकों में उतरेंगे। इसमें कहा गया कि चंद्रमा पर सभी के लिए पर्याप्त जगह है। इस बीच, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी अपने आर्टेमिस कार्यक्रम के माध्यम से 2020 के अंत तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक बेस स्थापित करने की योजना बना रही है।
रेस हारा
रूस से पहले भारत ने पिछले महीने 14 जुलाई को अपना तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 भेजा था। यह पृथ्वी और चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाते हुए चांद की सतह के करीब पहुंच चुका है। चार साल पहले साल 2019 में भी भारत ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया था, लेकिन सतह पर लैंडिंग से ठीक पहले मिशन सफल नहीं हो सका था। इस बार इसरो के वैज्ञानिकों ने तीसरे मिशन को सक्सेसफुल बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिए हैं। उधर, 10 अगस्त को रूसी स्पेस एजेंसी रोसकॉसमॉस ने भी अपना चांद मिशन लूना-25 भेज दिया। चंद्रयान-3 के बाद में भेजे जाने के बावजूद भी इसकी लैंडिंग पहले होनी थी। जहां भारत का चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा, वहीं संभावना थी कि लूना-25 सोमवार को लैंड कर सकता है। लेकिन शनिवार को अचानक आई गड़बड़ी के बाद रविवार को चांद की सतह से टकराने के बाद लूना-25 चंद्रयान-3 से रेस हार गया।
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