विज्ञान

रूस ने लॉन्च किया अपना मून मिशन Luna-25

Nilmani Pal
11 Aug 2023 12:57 AM GMT
रूस ने लॉन्च किया अपना मून मिशन Luna-25
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रूस. Russia ने करीब 47 साल बाद चांद पर अपना मून मिशन भेजा. 11 अगस्त की सुबह 4:40 बजे के करीब अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से Luna-25 Lander मिशन लॉन्च किया गया. लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट से किया गया. इसे लूना-ग्लोब (Luna-Glob) मिशन भी कहते हैं.

यह रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा है. इसका व्यास 10.3 मीटर है. इसका वजन 313 टन है. चार स्टेज के रॉकेट ने Luna-25 लैंडर को धरती के बाहर एक गोलाकार ऑर्बिट में छोड़ा. जिसके बाद यह स्पेसक्राफ्ट चांद के हाइवे पर निकल गया. इस हाइवे पर ही 5 दिन की यात्रा करेगा. इसके बाद चांद के चारों तरफ 7-10 दिन चक्कर लगाएगा. 21 या 22 अगस्त को लूना-25 चांद की सतह पर उतरेगा. इसका लैंडर चांद की सतह पर 18 किलोमीटर ऊपर पहुंचने के बाद लैंडिंग शुरू करेगा. करीब 15 किलोमीटर ऊंचाई कम करने के बाद 3 किलोमीटर की ऊंचाई से पैसिव डिसेंट होगा. यानी धीरे-धीरे लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. 700 मीटर ऊंचाई से थ्रस्टर्स तेजी से ऑन होंगे ताकि इसकी गति को धीमा कर सकें. 20 मीटर की ऊंचाई पर इंजन धीमी गति से चलेंगे. ताकि यह लैंड हो पाए.

लूना-25 चंद्रमा की सतह पर साल भर काम करेगा. इसका वजन 1.8 टन है. इसमें 31 KG के वैज्ञानिक यंत्र हैं. एक खास यंत्र लगा है जो सतह की 6 इंच खुदाई करके, पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करेगा. ताकि फ्रोजन वाटर यानी जमे हुए पानी की खोज की जा सके. ताकि भविष्य में जब इंसान चांद पर बेस बनाए तो उसके लिए वहां पानी की व्यवस्था की जा सके.

Luna-25 चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद बोगुस्लावस्की क्रेटर (Boguslavsky Crater) के पास उतरेगा. इसके पास लैंडिंग के लिए 30 x 15km की रेंज मौजूद है. लूना-25 एक रोबोटिक लूनर स्टेशन है. रूस के इस लैंडिंग का मुख्य मकसद ये है कि वो दिखाना चाहता है कि चांद पर वह सॉफ्ट लैंडिंग करा सकता है. इस दौरान इसके पेलोड्स चांद की सतह से मिट्टी लेकर उनका परीक्षण करेंगे. ड्रिलिंग करने की क्षमता दिखाई जाएगी.


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