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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: जंगल में आग अक्सर लगती रहती है. साल 2019-20 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग कौन भूल सकता है. करोड़ों जीव मारे गए थे. लाखों हेक्टेयर जमीन खाक हो गई थी. ऐसी ही आग हर साल दुनिया के कई देशों में लगती है. लेकिन क्या आपको पता है कि धरती पर सबसे पहली जंगल की आग कब लगी थी. वैज्ञानिकों वेल्स (Wales) और पोलैंड (Poland) से इसके सबूत खोजे हैं.
वेल्स और पोलैंड में वैज्ञानिकों को 43 करोड़ साल पुराने चारकोल (Charcoal) मिले हैं. जिनकी जांच से पता चला कि ये एक जंगल की आग थी. यह सिलुरियन काल (Silurian Period) था. उस समय धरती पर जीवन पूरी तरह से पानी पर निर्भर था. बहुत कम इलाका जमीनी था. जमीन पर भी बहुत कम इलाका सूखा था. या साल में सूखा रहता था. जिस जंगल की आग के बारे में बात हो रही है, वह बेहद कम समय के लिए लगी थी.
जहां आग लगी थी, वहां पर पेड़ नहीं थे. बल्कि एक खास प्रकार का कवक यानी फंगस था. जिसे प्रोटोटेक्साइट्स (Prototaxites) कहते हैं. इस फंगस के बारे में अभी वैज्ञानिकों को बहुत ज्यादा नहीं पात है. लेकिन ये करीब 30 फीट ऊंचाई तक पनपता था. मायन स्थित कोल्बी कॉलेज के पैलियोबॉटैनिस्ट इयान ग्लासपूल ने कहा कि हम हैरान है कि उस समय पेड़ के आकार के फंगस होते थे. आग इन कवकों में लगी थी. हमें यह जानकारी प्राचीन जमीनी पौधों के मैक्रोफॉसिल की जांच से मिले हैं.
इयान ग्लासपूल ने कहा कि आग के लिए तीन चीजें चाहिए होती हैं. पहला ईंधन यानी पेड़-पौधे, दूसरा आग लगाने का सोर्स जैसे आसमान से बिजली गिरना और तीसरा ऑक्सीजन ताकि आग जलती रहे. आग जलती जाती है और अपने पीछे चारकोल छोड़ती जाती है. जिस समय की ये बात है, तब धरती पर ऑक्सीजन 16 फीसदी था. अब 21 फीसदी है. यह अलग-अलग समय में लगातार बदलता भी रहा है.
इससे पहले सबसे पुराने जंगली आग का रिकॉर्ड 33 करोड़ साल पहले का दर्ज था. जो अब टूट गया है. इयान ने कहा कि धरती की अलग-अलग प्राकृतिक प्रक्रियाओं के बीच जंगल की आग भी जरूरी सिस्टम है. इसके बारे में हाल ही में एक स्टडी जियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है.
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