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- शोध में खुलासा- परमाणु...
पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से दुनिया विश्व युद्ध (World War Threat) के मुहाने पर खड़ी है. रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) में जहां पश्चिमी देश सीधे दखल से बच रहे हैं तो रूस ने भी भीषण हथियारों के उपयोग से परहेज किया है. लेकिन शुरू से ही (और अब भी) आशंका यही जताई जा रही है कि अगर यह युद्ध फैला तो विश्वयुद्ध में बदल जाएगा जहां घातक परमाणु हथियारों का उपयोग रोका नहीं जा सकेगा. लेकिन अगर युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो फिर उसका दुनिया पर क्या असर होगा. नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने परमाणु युद्ध के वैश्विक प्रभाव की चौंकाने वाली जानकारी दी है.
कम्प्यूटर सिम्यूलेशन के जरिए
एलएसयू डिपार्टमेंट ऑफ ओशियोनोग्राफी एंड कोस्टल साइंस के एसिस्टेंट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक चेरिल हैरिसन और उसके सहलेखकों ने बहुल कम्प्यूटर सिम्यूलेशन के जरिए यह पता लगाने का प्रयास किया है कि आज के परमाणु हथियारों की क्षमताओं को देखते हे पृथ्वी के तंत्रों पर उनका स्थानीय और व्यापक स्तर पर कैसा असर होगा.
केवल 9 देशों के पास हैं ऐसे हथियार
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक फिलहाल दुनिया में केवल 9 देशों के पास करीब 13 हजार परमाणु हथियार हैं. सिम्यूलेशन हालात में परमाणु बम के कारण ऊपरी वायुमंडल में धुएं और कालिक फैल जाएगी जिससे सूर्य ढक जाएगी और दुनिया भर में ब्लैक आउट के हालात बन जाएंगे जिससे फसलों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
कहां गिरेगा बम इससे फर्क नहीं
अध्ययन के अनुसार परमाणु बम के हमले के बाद के पहले महीने में दुनिया भर का तापमान करीब 7 डिग्री सेल्सियस गिर जाएगा जो पिछले हिमयुग के बाद तापमान की सबसे बड़ी गिरावट होगी हैरिसन बताते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कौन किस पर बम गिरा रहा है. ये भारत और पाकिस्तान हो सकते हैं या फिर नाटो और रूस. एक बार बम गिरा तो धुआं ऊपरी वायुमंडल में फैलान शुरू होकर पूरी दुनिया में फैलकर सभी को प्रभावित करेगा.