विज्ञान

नए शोध में खुलासा- गणना कर सकती है मछलियां

Gulabi Jagat
6 April 2022 12:48 PM GMT
नए शोध में खुलासा- गणना कर सकती है मछलियां
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नए शोध में हुआ खुलासा
सिक्लिड्स (Cichlids) और स्टिंगरे (stingrays) प्रजातियों की मछलियों पर हुए एक शोध में पता चला है कि वे एक से पांच तक की संख्याओं के बीच का सरल जोड़ घटाने जैसी गणितीय संक्रियाएं (Mathematical Operations) कर सकती हैं. इस तरह के छोटे जीवों में ऐसी क्षमता ने वैज्ञानिकों हैरान कर दिया है वहीं अभी यह भी पता नहीं चला है कि यह क्षमता उनके किस काम आती है.
अभी तक मानव मस्तिष्क के बारे में ही कहा जाता है कि सभी जानवरों में उसका दिमाग ही सबसे विकसित है. इसके अलावा डॉलफिन और हाथी के दिमाग को भी काफी तेज माना जाता है. पर इस बात की कभी पड़ताल नहीं की गई कि क्या जीव अपना दिमाग गिनती करने में भी लगाते हैं. लेकिन एक रोचक शोध में पाया गया है कि कुछ प्रजाति की मच्छलियां सरल जोड़ घटना (Simple Addition Subtraction Maths) कर सकती हैं. सिक्लिड्स (Cichlids) और स्टिंगरे (stingrays) पर हुए शोध में इन प्रजातियों की मछलियों ने हैरान करने वाले नतीजे दिए हैं.
इन नतीजों के बावजूद अभी तक यह पता नहीं चला है कि जानवरों या इन मछलियों (Fishes) को इस गणितीय क्षमता की जरूरत क्यों पड़ती है. यह अध्ययन बॉन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया ता जिसे साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किसिक्लिड्स,स्टिंगरे प्रजातियों की मछलियों , शोध में पता चला , गणितीय संक्रियाएं, छोटे जीवों में क्षमता,वैज्ञानिकों , Cichlids, fishes of stingray species, discovered in research, mathematical operations, ability in small organisms, scientists,
या गया है. जिस तरह से टेबल पर पड़े कुछ सिक्कों को देख कर ही इंसान पता लगा लेता है कि उस पर कितने सिक्के हैं इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सिक्लिड्स (Cichlids) और स्टिंगरे (stingrays) में भी ऐसी ही क्षमताएं पाई गई हैं.
सिक्लिड्स (Cichlids) और स्टिंगरे (stingrays) एक लिहाज से मिलती है प्रजातियां हैं दोनों ही छोटी संख्याएं सटीकता से पहचान सकती हैं और इसके लिए उन्हें गिनती करने की जरूरत नहीं होती है. मिसाल के तौर पर उन्हें इस बात के प्रशिक्षित किया जा सकता है तीन और चार चीजों में वे अंतर कर सकें. यह बात तो वैज्ञानिकों को पहले से पता थी, लेकिन बॉन यूनिवर्सिटी की इंस्टीट्यूट ऑफ जूलॉजी के प्रोफेसर डॉ वेरा शिजल की अगुआई में शोध समूह ने दर्शाया है कि मछलियों (Fishes) की इन दोनों प्रजातियां गणना भी कर सकती हैं.
शोधकर्ताओं ने जीवों को सरल जोड़ घटाने के लिए प्रशिक्षित (Training for calculation) भी किया है. ऐसा करने के लिए उन्हें शुरुआती मान को एक ज्यादा या कम करना पड़ता था. मछलियों (Fishes) के लिए नीले का मतलब एक जोड़ना और पीले का मतलब एक घटना था. शोधकर्ताओं ने बताया है कि गणना करने के लिए उन्होंने मधुमक्खियों (Bees) की गणीतीय क्षमता पर प्रयोग किया.
शोधकर्ताओं ने मछलियों (Fishes) को वर्ग जैसे ज्यामितीय आकार वाली तस्वीरें दिखाईं. जैसे एक चार वर्ग वाली तस्वीर. अगर यह नीली तस्वीर थी तो उन्हें एक जोड़ना था और अगर यह पीली तस्वीर थी तो उन्हें एक घटाना था. नीली तस्वीर दिखाने के बाद उनके सामने दो तस्वीर थीं एक पांच वर्ग वाली और एक तीन वर्ग वाली. सही तस्वीर के पास जाने पर मछलियों को भोजन मिलता था और गलत तस्वीर के पास जाने पर वे हाथ लौटती थीं. इसतरह से उन्हें घटाने बढ़ाने का प्रशिक्षण (Training) दिया गया.
लेकिन क्या मछलियों (Fishes) इस जानकारी को नए कार्यों में उपयोग में ला सकती हैं क्या वे रंगों के पीछे का गणितीय नियम समझ सकीं, यह जानने केलिए शोधकर्ताओं ने प्रशिक्षण (Training) के दौरान जानबूझ कर कुछ गणनाएं गायब की और दूसरे तरह से जांचने पर भी पाया की मछलियां सही गणना (Claculations) करना सीख गई हैं. इस तरह से मछलियां एक संख्या अधिक या एक संख्या कम ही पहचान पाती हैं.
इस उपलब्धि ने शोधकर्ताओं को भी हैरान कर दिया था. मछलियों (Fishes) को एक ही आकार की चीजें नहीं दिखाई गईं थीं. इससे वे चीजों की संख्या पर गौर कर सकीं. इससे साबित हुआ कि वे जटिल सोचने और याद रखने वाली क्षमताएं भी रखती हैं. स्तनपायी जीवों की तरह मछलियों में नियोकॉर्टेक्स (Neocortex) नहीं होता है जो जटिल संज्ञानात्मक कार्यों (Cognitive Funcitons) के लिए उपयोग में लाया जाता है. इससे पता लगता है कि इंसान इन्हें कितना कम आंकता है.
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