विज्ञान

शोधकर्ताओं ने तोड़ा 21 साल पुराना रिकॉर्ड...नापी समय की सबसे छोटी अवधि...जानें कैसे

Gulabi
18 Oct 2020 11:25 AM GMT
शोधकर्ताओं ने तोड़ा 21 साल पुराना रिकॉर्ड...नापी समय की सबसे छोटी अवधि...जानें कैसे
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ब्रह्माण्ड में ही कोई प्रक्रिया कितनी तेज हो सकती है यह विषय अपने आप में काफी दिलचस्प है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रह्माण्ड में ही कोई प्रक्रिया (Process) कितनी तेज (Fast) हो सकती है यह विषय अपने आप में काफी दिलचस्प है. शोधकर्ता ऐसी ही प्रक्रियाओं को तलाश कर समय (Time) की न्यूनतम गणना करने का प्रयास भी करते हैं. इससे पहले सबसे कम समय में घटने वाली प्रक्रिया 21 साल पहले पता लगाई गई थी. लेकिन अब ताजा शोध में एक नई प्रक्रिया का पता लगाते हुए शोधकर्ताओं ने समय का सबसे छोटा मापन (Smallest Measurement) करने में सफलता पाई है

मिस्र के रसायन शास्त्री अहमद जिवेल ने अणुओं (Molecule) का अपना आकार बदलने की प्रक्रिया की गति मापी थी. इस उपलब्धि के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. जिवेल ने आल्ट्रा शॉर्ट लेजर फ्लैश का उपयोग कर फेम्टोकैमिस्ट्री (Femtochemistry) की शुरुआत की जिसमें रसायानिक बंध (Chemical Bond) के टूटने की क्रिया फेम्टोसेकेंड (दस करोड़ अरब) में होती है.

अब गोथे यूनिवर्सिटी में एक परमाणु भौतिकविद प्रोफेसर रिनहार्ड डोर्नेर की टीम ने पहली बार ऐसी प्रक्रिया का अध्ययन किया है जो फेम्टोसेक्ड्स (Femtoseconds) से गई गुना ज्यादा छोटी है. शोधकर्ताओं ने यह यह नापा कि एक फोटोन को हाइड्रोजन अणु (Hydrogen molecule) को पार करने में कितना समय लगता है. उनके मुताबिक एक और अणु के बंध की लबांई (Bond length) के लिए यह समय 247 जेप्टोसेकेंड होता है. यह अब तक मापी गई सबसे छोटी समयावधि है.

वैज्ञानिकों ने हैमबर्ग एक्सीलरेटर फैसिलिटी DESY में हाइड्रोजन अणु (Hydrogen molecule) पर समय को मापने का प्रयास किया जिसपर उन्होंने एक्स रे (X Ray)चमकाया शोधकर्ताओं ने एक्स रे की उर्जा (Energy) इस तरह से सेट की जिससे एक ही फोटोन से हाइड्रोजन अणुओं के दोनो ही इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित हो जाएं


इलेक्ट्रॉन (Electron) कण (Particle) और तरंग ( Wave)दोनों की तरह बर्ताव करते हैं इसलिए पहले इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन से ही एक इलेक्ट्रॉन तरंग निकली और उसके बाद (Molecule) अणु के दूसरे हाइड्रोजन परमाणु (Hydrogen Atom)से ही जल्दी से दूसरी तरंग निकली जो पहली में मिलती दिखी. फोटोन का यह बर्ताव वैसा ही था जैसे किसी तालाब में कोई छोटा पत्थर दो बार पानी से टकाराया हो और उससे तरंगें बनी हों इस तरह से दोनों तरंगों ने एक दूसरे को प्रभावित किया जिसे इंटरफ्रेंस पैटर्न (Interference Pattern) कहते हैं

वैज्ञानिकों ने इस इंटरफ्रेंस पैटर्न को नापने के लिए COLTRIMS रिएक्शन माइक्रोस्कोप का उपयोग किया जिसके जरिए परमाणुओं (Atoms) और अणुओं (Molecules) में बहुत ही तेज गति को प्रतिक्रिया को देखा जा सकता है. इसी के साथ इस माइक्रोस्कोप के जरिए हाइड्रोजन अणु की अनुस्थिति (Orientation) का पता लगाया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि दूसरे इलेक्ट्ऱॉन के अणु छोड़ने से हाइड्रोजन के न्यूक्लियस भी अगल हो गए जिसे देखा जा सका

इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता सेवन ग्रूंडमैन ने बताया कि चूंकि हाइड्रोजन अणु (Hydrogen Atom) की स्थान संबंधी स्थिति उन्हें पता थी, उन्होंने दो इलेक्ट्रॉन तरंगों (Electron Waves) के इंटरफ्रेंस (Interference) का उपयोग करते हुए फोटोन (Photon) के पहले और दूसरे हाइड्रोजन अणु (Hydrogen atom) को सटीकता नाप लिया

शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने पहलीबार किसी अणु (Molecule) के इलेक्ट्रॉन शेल (Electron Shell) उसी समय हर जगह पर प्रकाश (Light) से प्रतिक्रिया नहीं करती है. इसमें समय का अंतर इसलिए आया कि अणुओं (Atom) में जानकारी प्रकाश की गति से ही फैल पाती है. शोधकर्ता अब इस तकनीक को उपयोग दूसरे अनुप्रयोगों (Applications) में करेंगे.

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