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- शोधकर्ता का दावा :...
इंसानों में कोरोना का पता लगाने में खोजी कुत्ते, आरटीपीसीआर जांच की तरह बेहद सटीकता से पता लगा सकने में सक्षम हैं। ये बात सुनने में भले अटपटी लगे पर फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि सूंघने की शक्ति के लिए प्रशिक्षित किए गए कुत्ते, इंसानी पसीने की महक से उनमें कोरोना संक्रमण का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, ये कुत्ते कोविड स्क्रीनिंग का काम मिनटभर में करने में सक्षम हैं जबकि रैपिड एंटीजन जांच से संक्रमण का पता लगाने में कम से कम 15 मिनट लगते हैं।
पेरिस के नेशनल वेटरनरी स्कूल ऑफ एल्फोर्ड के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि कुत्ते अपनी सूंघने की क्षमता के बल पर इंसानों में कोरोना संक्रमण का 97 प्रतिशत तक सटीक अंदाजा दे सकता है। शोधकर्ता डॉमिनिक ग्रैंडजीन ने बताया कि इंसानी शरीर कोरोना संक्रमण के खिलाफ जो प्रतिक्रिया देता है, वह उसके पसीने और सलाइवा में भी प्रदर्शित होती है जिससे कुत्ते सूंघकर पहचान सकते हैं।
ग्रैंडजीन का कहना है कि अब तक कुत्तों को किसी विस्फोटक या ड्रग्स का पता लगाने के लिए ही प्रशिक्षित किया जाता रहा है पर कोरोनाकाल में ऐसा पहली बार हुआ जब उनकी सूंघने की क्षमता का उपयोग इस वायरल रोग का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। कुत्तों की सूंघने की क्षमता को लेकर ही एक अन्य शोध पेनेसोल्वेनिया स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन डॉग सेंटर भी कर रहा है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या कुत्ते टीका लगवा चुके लोगों और संक्रमित लोगों के बीच अंतर कर पाएंगे। अगर ऐसा संभव हुआ तो ऐसे प्रशिक्षण प्राप्त कुत्तों की मांग और बढ़ जाएगी। एक अंतरराष्ट्रीय टास्क फोर्स ने पाया है कि एक खोजी कुत्ता एक दिन में 300 इंसानों की कोविड स्क्रीनिंग कर सकता है और इसके लिए उस व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने की जरूरत भी नहीं होगी। जिस तरह एंटीजन जांच करने के लिए नाक से स्वाब नमूने लेने की आवश्यकता होती है, इस तरह का संपर्क नहीं करना पड़ेगा और बेहद कम समय व संसाधन में कोरोना जांच हो जाएगी। इस अंतरराष्ट्रीय टास्क फोर्स का समन्वय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया जो कि खोजी कुत्तों के कोविड स्क्रीनिंग में उपयोग को लेकर बनायी गई।
फिनलैंड के हेलसिंकी-वांता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संक्रमित यात्रियों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों को तैनात किया जा चुका है। कई अन्य देशों में भी खोजी कुत्तों को कोरोना संक्रमण से जुड़ी महक के विषय में प्रशिक्षित किया जा रहा है। कुत्तों में सूंघने की क्षमता इंसानों के मुकाबले एक हजार गुना ज्यादा होती है, कुत्तों की इस शक्ति का उपयोग अब मधुमेह से लेकर मलेरिया जैसे रोगों तक का पता लगाने के लिए किया जा रहा है।