विज्ञान

रिसर्च : मकड़ी अभी भी पकड़े है अंडों की थैली, 10 करोड़ साल बाद भी नहीं छोड़ा साथ

Rani Sahu
15 Sep 2021 7:48 AM GMT
रिसर्च : मकड़ी अभी भी पकड़े है अंडों की थैली, 10 करोड़ साल बाद भी नहीं छोड़ा साथ
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एक मां और उसके बच्चों के बीच कुछ भी नहीं आ सकता। करीब 99 मिलियन यानी 9 करोड़ 99 लाख साल पहले भी ऐसा ही हुआ था

एक मां और उसके बच्चों के बीच कुछ भी नहीं आ सकता। करीब 99 मिलियन यानी 9 करोड़ 99 लाख साल पहले भी ऐसा ही हुआ था जब एक मकड़ी अपने बच्चों की देखभाल कर रही थी। एक नई रिसर्च के अनुसार लगभग 99 मिलियन साल पहले एक वयस्क मादा मकड़ी और उसके अंडे पेड़ से टपकने वाली राल में जम गए थे। मकड़ियों का लैगोनोमेगोपिड (Lagonomegopidae) परिवार अब गायब हो चुका है लेकिन इनका इतिहास काफी लंबा और पुराना है।

अभी भी पकड़े है अंडों की थैली
पहली बार इन्हें करीब 359 से 299 मिलियन साल पहले कार्बोनिफेरस अवधि के दौरान देखा गया था। म्यांमार में मिले राल के टुकड़े कई कहानियां बताते हैं। जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी: बायोलॉजिकल साइंसेज में मंगलवार को इस खोज के बारे में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ। रिसर्च के लेखक पॉल सेल्डन ने कहा कि यह एक मादा लैगोनोमेगोपिड मकड़ी को अंडे की थैली को पकड़ते हुए दिखाता है जिसमें अंडे होते हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे एक जीवित मादा करती है।
मकड़ी के बच्चे बने जीवाश्म
राल के अन्य टुकड़ों में छोटी मकड़ियों को देखा जा सकता है जो कुछ देर पहले ही अंडे से बाहर आई थीं। इससे यह पता चलता है कि एक मादा lagonomegopid मकड़ी अपने अंडे की थैली को नुकसान से बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। अंडों से बाहर आने के बाद वे अपनी मां के साथ रहते थे और मादा मकड़ी ही उनकी रक्षा करती थी। राल के टुकड़ों से इस बात के सबूत मिलते हैं। इससे पता चलता है कि बच्चे अंडों से बाहर आने के बाद अपनी मां से चिपके रहे।
बड़ी-बड़ी आंखों के चलते पहचान आसान
सेल्डन ने कहा कि यह सब कुछ बेहद खूबसूरती से एक जगह में फिट हो गया। उन्होंने कहा कि हमारे पास कई नमूने थे, सबकी कहानियां एक-दूसरे से जुड़ी थीं। शोधकर्ताओं ने छोटी आंखों और अन्य विशेषताओं का पता लगाने के लिए CT-स्कैनिंग का इस्तेमाल किया। इससे मकड़ी और उसके बच्चों की पहचान करने में कामयाबी हासिल हुई। बड़ी-बड़ी आंखों के चलते इन मकड़ियों की पहचान करना आसान है।


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