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रिसर्च: ब्रोकोली जैसी सब्जियों के हरे पत्ते बचाएंगे Delta, Omicron और जुकाम आदि बिमारियों से

Gulabi Jagat
26 March 2022 9:54 AM GMT
रिसर्च: ब्रोकोली जैसी सब्जियों के हरे पत्ते बचाएंगे Delta, Omicron और जुकाम आदि बिमारियों से
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अरुगुला, बोक चॉय, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पत्ता गोभी, फील गोभी जैसे क्रूसीफेरस सब्जियां (Cruciferous Vegetables) आपको कोविड-19 (Covid-19) और साधारण जुकाम के वायरस से बचा सकती हैं. क्योंकि इनके हरे पत्तों में एक खास तरह का रसायन होता है, जो इन बीमारियों और संक्रमणों से आपको बचाता है. यह खुलासा किया है जॉन्स हॉपकिन्स चिल्ड्रेन सेंटर के वैज्ञानिकों ने.
कोविड-19 की वजह से पूरी दुनिया में 60 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. कई स्टडीज हुई हैं, जिनमें इस बात का खुलासा हुआ है कि सिर्फ अमेरिका में साधारण जुकाम होने की वजह से 1.90 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है. अगर इन सब्जियों का उपयोग बढ़ाया जाए या उनकी पत्तियों में मौजूद रसायन का उपयोग दवाएं बनाने में किया जाए तो कोविड-19 और साधारण जुकाम के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सकता है.
हाल ही में जर्नल कम्यूनिकेशंस बायोलॉजी में इस लेकर एक स्टडी प्रकाशित हुई है. जिसमें बताया गया है कि क्रूसीफेरस सब्जियों में सल्फोराफेन (Sulforaphane) होता है, जो कि एक फाइटोकेमिकल (Phytochemical) है. इसमें पहले से एंटी-कैंसर इफेक्ट होता है. यानी यह कैंसर से बचाता है. साथ ही यह SARS-CoV-2 कोरोनावायरस को रेप्लिकेट यानी फैलने से रोकता है. इसके अलावा अन्य कोरोनावायरस से भी इंसानों और चूहों को बचाता है.
सल्फोराफेन कोविड-19 पर काफी ज्यादा प्रभावी साबित हुई है. इसलिए वैज्ञानिकों ने लोगों से अपील की है, इसके बाद लोग सल्फोराफेन वाले सप्लीमेंट लेने के लिए दवाओं की दुकान पर न जाएं. या उन्हें ऑनलाइन न मंगाएं. चूहों पर इसकी सफलता की जांच की गई हैं. इंसानों पर पूरी तरह से जांच बाकी है. हालांकि यह इंसानों को भी फायदा पहुंचाती है. लेकिन सल्फोराफेन वाले सप्लीमेंट्स बिना किसी नियम के ऑनलाइन और बाजारों में बिक रहे हैं.
ब्रोकोली, पत्ता गोभी, केल और ब्रसेल्स स्प्राउट्स में सल्फोराफेन (Sulforaphane) की मात्रा प्राकृतिक तौर पर भी बहुत ज्यादा होती है. इसे सबसे पहले जॉन्स हॉपकिन्स के वैज्ञानिकों ने दशकों पहले एक कीमोप्रिवेंटिव पदार्थ के रूप में खोजा था. सल्फोराफेन (Sulforaphane) को ब्रोकोली के बीज, स्प्राउट्स और वयस्क पौधों से निकाला जा सकता है. या फिर इनका जूस बनाकर पिया भी जा सकता है.
जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन में पहले हुई स्टडीज में इस बात का खुलासा भी किया गया है कि सल्फोराफेन (Sulforaphane) में कैंसर और अन्य संक्रमणों को रोकने की क्षमता है. यह खास तरह की प्रकिया करके कोशिकाओं में घुसपैठ को रोकने में मदद करता है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में पीडियाट्रिक्स की असिसटेंट प्रोफेसर लोरी जोन्स ब्रांडो ने कहा कि जब कोविड-19 फैला तब हमारी टीम उसके इलाज और बचाव से संबंधित खोज करने में लग गई.
लोरी ने बताया कि वो कई रसायनिक पदार्थों की जांच कर रही थी कि कौन सा पदार्थ कोरोना वायरस की खिलाफत कर सकता है. तो सोचा गया कि क्यों ने सल्फोराफेन (Sulforaphane) को ट्राई किया जाए. हमने व्यवसायिक रसायन सप्लायर से शुद्ध सिंथेटिक सल्फोराफेन खरीदकर उसे प्रयोग में शामिल किया. पहले प्रयोग में हमने कोशिकाओं को सल्फोराफेन (Sulforaphane) में दो घंटे के लिए भिगो दिया. उसके बाद उसमें कोविड-19 का वायरस और साधारण जुकाम का वायरस डाला.
सल्फोराफेन (Sulforaphane) में दो घंटे भीगी कोशिकाओं में कोविड-19 वायरस के फैलने की दर में 50 फीसदी की कमी आई. इसका फायदा डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के साथ भी है. साथ ही साधारण जुकाम से भी राहत मिलती है. जिन कोशिकाओं में वायरस का संक्रमण पहले से था, वहां भी सल्फोराफेन रसायन डालने के बाद वायरस के फैलने की दर में 50 फीसदी की कमी आई है. यह रसायन कोशिकाओं में जाने के बाद तुरंत उसे वायरस से सुरक्षित करने में लग जाता है.
लोरी ने बताया कि हमने सल्फोराफेन (Sulforaphane) और रेमडेसिविर (Remdesivir) को मिलाकर एक डोज दी. इनकी कम तीव्रता वाली डोज ज्यादा कारगर है. इससे कोविड-19 में काफी ज्यादा राहत मिलती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफऱ मेडिसिन में पीडियाट्रिक्स के दूसरे प्रोफेसर अल्वारो ओर्दोनेज ने कहा कि ऐतिहासिक तौर पर यह बात पुख्ता है कि कई पदार्थों को मिलाकर अगर वायरल इंफेक्शन को ठीक किया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं. ये बात तब भी सही साबित हुई जब हमनें सल्फोराफेन (Sulforaphane) और रेमडेसिविर (Remdesivir) को मिलाकर किया.
फिलहाल यह सारी स्टडी चूहे पर की गई. वैज्ञानिकों ने 30 मिलिग्राम सल्फोराफेन (Sulforaphane) प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से चूहे के शरीर में डाला. उसके बाद उसे कोविड-19 वायरस से संक्रमित किया. पता चला कि चूहे के फेफड़ों में वायरल लोड 17 फीसदी कम हुआ. सांस की ऊपरी नली में 9 फीसदी वायरल लोड कम हुआ और फेफड़ों में हुए घावों में 29 फीसदी की कमी आई. सल्फोराफेन की वजह से फेफड़ो में आई सूजन भी कम हुई.
अल्वारो ओर्दोनोज ने बताया कि सल्फोराफेन (Sulforaphane) साधारण जुकाम और कोविड-19 में काम आने वाला बेहतरीन एंटी-वायरल पदार्थ है. यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को इन वायरसों से लड़ने में मदद करता है. हम जल्द ही इंसानों पर भी इस पदार्थ का परीक्षण करेंगे. ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक स्थाई इलाज मिल सके.
लोरी जोन्स ब्रांडो ने कहा कि वैक्सीन और अन्य दवाओं के आने के बाद भी हमें ऐसे पदार्थों की जरूरत पड़ेगी जो कोरोना वायरस से हमें बचाकर रखे. जिनमें एंटीवायरल एजेंट्स हों. सल्फोराफेन (Sulforaphane) भविष्य में कोविड-19 के इलाज में एक प्रमुख दवा बनकर उभर सकता है. यह सस्ता, सुरक्षित और आसानी से मिलने वाला पदार्थ है. व्यवसायिक तौर पर भी यह रसायन काफी मात्रा में मौजूद रहता है.
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