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इसमें पता चला कि सोशल मीडिया अलग-अलग उम्र में लड़कों और लड़कियों को प्रभावित कर सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लंदनः युवाओं में सोशल मीडिया (Social media) का काफी क्रेज होता है. हालांकि, इसके अधिक इस्तेमाल का युवाओं के हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है. सोशल मीडिया के युवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिसर्च किया गया था. इसमें पता चला कि सोशल मीडिया अलग-अलग उम्र में लड़कों और लड़कियों को प्रभावित कर सकता है.
कम उम्र में अधिक प्रभाव
'द गार्जियन' की रिपोर्ट के अनुसार, शोध में मनोवैज्ञानिकों को पता चला कि जिन लड़कियों ने 11 से 13 साल की उम्र के बीच सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताया, वह एक साल बाद अपनी लाइफ से कम संतुष्ट थीं. वहीं, लड़कों में सोशल मीडिया का यह प्रभाव 14 से 15 साल के बीच था. शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया के प्रभाव का अन्य उम्र में कोई संबंध नहीं पाया. हालांकि, 19 साल की उम्र में लड़कों और लड़कियों की संतुष्टि में गिरावट आई थी.
हर कक्षा में 5 बच्चे प्रभावित
मनोवैज्ञानिक और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के शोध के लेखक डॉ. एमी ओरबेन ने कहा कि लड़कों और लड़कियों की कुछ निश्चित उम्र हैं, जब सोशल मीडिया उनके जीवन को प्रभावित कर सकता है. शोधकर्ताओं ने इस बात पर काम शुरू किया कि क्या सोशल मीडिया युवा लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं (Mental Health Problems) के स्तर को बढ़ाता है. चैरिटी यंग माइंड्स के अनुसार, मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम वाले 5 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या में 2017 से 2021 के बीच 50% की वृद्धि हुई है. इसके मुताबिक, इस समस्या से हर कक्षा में लगभग 5 बच्चे अब प्रभावित हैं.
84 हजार लोगों पर रिसर्च
डॉ. एमी ओरबेन और उनके सहयोगियों ने 10 से 80 वर्ष की उम्र के 84,000 ब्रिटिश लोगों के डेटा का विश्लेषण किया. इससे पता चला कि सोशल मीडिया (Social media) के इस्तेमाल से इनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ा है. नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध यह साबित नहीं करता है कि सोशल मीडिया सेहत को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन शोधकर्ताओं को शक है कि ये कुछ हद तक लड़कों और लड़कियों को अलग-अलग उम्र में प्रभावित कर सकता है.
डिप्रेशन का हुईं शिकार
वैज्ञानिक प्रोफेसर यवोन केली का कहना है कि शोध के रिजल्ट से यह पता चला है कि सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से लड़कियों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ गई थी. इसके साथ ही उनको नींद न आने की समस्या भी होने लगी थी. हालांकि, यह जानना मुश्किल है कि सोशल मीडिया (Social media) पर कितना समय बिताने से युवाओं पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
कम उम्र में समझाना जरूरी
शोध के सह-लेखक और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर सारा-जेने ब्लेकमोर का कहना है कि जब बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं तो उनके लिए नियम बनाना आसान होता है, जिससे उनकी नींद खराब न हो. इसके लिए बच्चों को कम उम्र से ही सोशल मीडिया को लेकर जागरूक करना जरूरी है. ग्लासगो यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डॉ. होली स्कॉट ने कहा कि शोध ने नए सबूत दिए हैं कि लड़कों और लड़कियों पर सोशल मीडिया का बुरा असर पड़ने की अलग-अलग उम्र थी. उन्होंने कहा कि लड़कों की तुलना में लड़कियों पर सोशल मीडिया का अधिक असर पड़ता है.
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