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रेग्युलर वियाग्रा (Viagra) लेने वालों में 80 फीसदी तक आंखों की रोशनी जा सकती है
रेग्युलर वियाग्रा (Viagra) लेने वालों में 80 फीसदी तक आंखों की रोशनी जा सकती है. यह दावा कनाडा (Canada) की ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च किया है. शोधकर्ताओं का दावा है, वियाग्रा में इस्तेमाल होने वाले ड्रग (Drug) सियालिस, लेविट्रा और स्पेड्रा आंखों के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं. जानिए वियाग्रा आंखों के लिए कैसे समस्या पैदा करती है…
शोधकर्ताओं का कहना है, वियाग्रा का इस्तेमाल उत्तेजना लाने के लिए किया जाता है. जब कोई इंसान वियाग्रा लेता है तो ब्लड सर्कुलेशन तेजी से बढ़ता है और इसका सीधा असर आंखों पर पड़ सकता है. इसके असर से अचानक दिखना बंद हो सकता है, आंखों में गहरे धब्बे पड़ सकते हैं. इसलिए वियाग्रा के रेग्युलर इस्तेमाल को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है.
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वियाग्रा के खतरों को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने करीब 2 लाख लोगों पर चार साल तक रिसर्च की. रिसर्च में सामने आया कि जो इसका रेग्युलर इस्तेमाल करते थे उनमें ही आंखों से जुड़ी समस्याएं दिखाई दीं. इनमें रेटिना से जुड़ी दिक्कतें भी शामिल हैं.
रिसर्च में शामिल पुरुषों में 102 फीसदी तक इस्केमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी का खतरा बढ़ गया था. ऐसी स्थिति में आंखों की नसों में ब्लड सप्लाई असामान्य हो जाती है और आंखों की रोशनी जा सकती है. वहीं, 44 फीसदी तक मर्दों के रेटिना में खून का थक्का जमने की दिक्कत हो सकती है.
शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च से वियाग्रा लेने वालों को अलर्ट किया है. हालांकि, वियाग्रा तैयार करने वाली कंपनी फाइजर भी यह कह चुकी है, इसे लेने वाले 100 में से एक इंसान के आंखों में जलन, लालिमा, दर्द और पानी बहने की शिकायत हो सकती है. इसलिए इस बात ध्यान रखें.
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