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रसगुल्ले को लेकर काफी समय से हो हंगामा चल रहा है. इसके मालिकाना हक को लेकर आए दिन झगड़े भी देखने को मिल जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेसक | रसगुल्ले को लेकर काफी समय से हो हंगामा चल रहा है. इसके मालिकाना हक को लेकर आए दिन झगड़े भी देखने को मिल जाते हैं लेकिन जब ये आपके प्लेट में आता है, तो बस जी करता है कि इसे एक बार में ही चट कर जाएं. ये आपके मुंह में तो मिठास वाला स्वाद लाता ही है आपके जीवन में भी थोड़े समय के लिए खुशियों के रंग घोल देता है.
इस मिठाई को लेकर बंगाल और ओडिशा में काफी कहासुनी हो चुकी है, लेकिन एक बात तो तय है कि ये है आखिर भारतीय मिठाई, जिसके स्वाद के करोड़ों दीवाने हैं. रसगुल्ला के फिलहाल दो प्रकार हैं, पहला बंगाल का रसोगुल्ला और दूसरा ओडिशा का रसगुल्ला, जो कि अलग-अलग जियोग्राफिकल इंडिकेशन के साथ दर्ज है. रसगुल्ले का स्वाद लेते हुए आए दिन लोग आपको होटलों में, घर में या फिर किसी समारोह में मिल ही जाएंगे. इसको लेकर लोगों में दीवानगी इस कदर है कि कहना ही क्या.
ओडिशा का दावा
ओडिशा के इतिहासकारों का ये दावा है कि रसगुल्ला की शुरुआत पुरी से हुई थी. खीर मोहन की मिठाई बना करती थी और इतिहासकारों का ये कहना है कि उसी से आगे बढ़कर ही रसगुल्ला बनाया गया. जगन्नाथ मंदिर में तो इसे भोग के तौर पर भी इसका उपयोग किया जाता है. इतिहासकारों का ये दावा है कि तकरीबन 300 वर्षों से पुरी के मंदिर में रसगुल्ले का भोग लग रहा है. वहीं, ये भी दावा किया जाता रहा है कि रसगुल्ला ओडिशा के खानसामों के साथ ही बंगाल पहुंचा था.
बंगाल का दावा
वहीं, बंगाल का ये सीधे तौर पर दावा है कि सन 1868 में कोलकाता के रहने वाले दुकानदार नोबिन चंद्र दास ने रसगुल्ले की शुरुआत की थी. ये भी दावा किया जाता है कि दास से पहले भी रसगुल्ला बनता था लेकिन दास ने उसे काफी लोकप्रिय बना दिया. इसके साथ ही एक फूड इतिहासकार प्रणब रे का दावा है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के बाहर सन 1866 में ही ब्रजा मोरिया ने रसगुल्ला बेचना शुरू कर दिया था. वहीं, ये भी कहा जाता है कि रसगुल्ले से मिलती-जुलती कई मिठाइयां बंगाल के कई इलाकों में कई दूसरे नामों से मशहूर थीं.
अंतरिक्ष में जाने वाला है रसगुल्ला
अब भई लड़ाई चाहे जिस तरह की भी हो लेकिन बात तो ये सच्ची है कि रसगुल्ला है बहुत ही मजेदार और ये आज कई देशों में भी पहुंच चुका है. भारत के तो हर छोटे-बड़े होटलों में ये मिल जाता है. लेकिन बहुत जल्द यही रसगुल्ला अंतरिक्ष में भी पहुंचने वाला है. इंडियन स्पेस एजेंसी ISRO एक ऐसे रसगुल्ले पर काम कर रहा है, जिसे भारतीय एस्ट्रोनॉट्स अपने साथ अंतरिक्ष मिशन पर ले जा सकें और वहां पर इसका स्वाद ले सकें.
Triveni
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