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जानिए 'पिंक हैंडफिश' के बारे में
ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवैल्थ साईंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (CSIRO) के वैज्ञानिकों को एक ऐसी दुर्लभ मछली मिली है, जो समुद्र के अंदर अपने हाथों से चलती है। इस मछली का नाम है 'पिंक हैंडफिश'। इसे आखरी बार 22 साल पहले तस्मानिया तट के पास 1999 में देखा गया था। ये मछली इतनी दुर्लभ है कि तकरीबन 100 साल पहले डिस्कवर होने के बाद इसे अब तक केवल 5 बार ही देखा गया है।
क्या होती है पिंक हैंडफिश?
पिंक हैंडफिश एंगलरफिश परिवार की सदस्य है। इसके फिंस का स्ट्रक्चर छोटे-छोटे हाथों जैसा होता है। इनका इस्तेमाल ये तैरने के साथ-साथ समुद्र तल पर चलने के लिए भी करती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, पिंक हैंडफिश काफी छोटी और डिटेक्ट करने में मुश्किल होती है। ये केवल 15 सेंटीमीटर बड़ी होती है।
चूंकि इस मछली को आखरी बार 22 साल पहले देखा गया था, इसलिए हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसे एंडेंजर्ड घोषित कर दिया था। लेकिन अब इस फैसले पर दोबारा विचार किया जा सकता है। पिंक हैंडफिश ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया आईलैंड के पास मिलने वाली 14 हैंडफिश में से एक है।
पिंक हैंडफिश विलुप्त होने की कगार पर
फरवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के मरीन रिसर्चर्स ने एक शोध के दौरान तस्मान फ्रैक्चर मरीन पार्क के समुद्र तल के अंदर कैमरा लगाया था। महीनों बाद फुटेज चेक करने पर उन्हें पिंक हैंडफिश दिखी। इस मरीन पार्क में वैज्ञानिक कई तरह के शोध करते हैं। यहां पानी 4,000 मीटर की गहराई तक है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो पिंक हैंडफिश हमेशा 15 से 40 मीटर की गहराई में मिली है, लेकिन इस बार इसे समुद्र के 120 मीटर नीचे पाया गया। प्रोफेसर नेविल बैरेट कहते हैं, "इस मछली को पिछली शताब्दी में केवल कुछ ही बार देखा गया है, इसलिए यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रजाति है और निश्चित रूप से विलुप्त होने के रास्ते पर है।"
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