विज्ञान

समुद्र का स्तर बढ़ने का खतरा तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर

Apurva Srivastav
20 May 2023 6:58 PM GMT
समुद्र का स्तर बढ़ने का खतरा तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर
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बहुत से देशों को ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्लेशियर्स के पिघलने से समुद्र के स्तर में पिछले अनुमानों से अधिक बढ़ोतरी हो सकती है। इससे कुछ देशों के भूभाग का बड़ा हिस्सा समुद्र में समाने की भी आशंका है। ऐसे देशों में मालदीव भी शामिल है।
ग्रीनलैंड में Petermann ग्लेशियर की एक नई सैटेलाइट स्टडी से पता चला है कि इसकी सतह की लाइन ज्वार भाटा के साथ अपना स्थान बदलती है। यह वह लाइन होती है जहां एक ग्लेशियर से बर्फ निकलकर समुद्र के संपर्क में आती है और उस पर तैरती है। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे गर्म पानी ग्लेशियर के नीचे से अपना रास्ता बना लेता है। इस स्टडी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में लगभग 2.5 मील खिसकी है। इससे समुद्र के गर्म पानी ने इसके नीचे 670 फीट का गड्डा बना दिया है।
National Academy of Sciences में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि ज्वार भाटा की ताकत से ग्लेशियर का गर्म पानी से संपर्क होता है और इसका पिछलना बढ़ जाता है। ग्रीनलैंड की बर्फ में बदलाव को समझने की कोशिश कर रहे ग्लेशियोलॉजिस्ट्स के लिए हैरान करने वाले निष्कर्षों में यह शामिल है। ग्रीनलैंड में अरबों टन बर्फ पिछल चुकी है। स्टडी के सह-लेखक और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में अर्थ सिस्टम साइंस के प्रोफेसर, Eric Rignot ने बताया, "बर्फ और समुद्र के बीच इस टकराव से ग्लेशियर्स को समुद्र के गर्म होने से ज्यादा नुकसान होता है। इन निष्कर्षों को मॉडल्स में शामिल नहीं किया गया है। अगर हम उन्हें शामिल करते हैं तो इससे समुद्र से स्तर में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान 200 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। यह स्थिति केवल Petermann के लिए नहीं, बल्कि समुद्र के साथ लगे सभी ग्लेशियर्स के लिए होगी।"
गर्म हवा के कारण ग्लेशियर के ऊपर बर्फ पिछलती है लेकिन समुद्र का तापमान अधिक होने से ग्लेशियर के निचले हिस्से में बर्फ कटती है और पिघलकर समुद्र में चली जाती है। ग्लेशियर की बर्फ पिछलने से ऐसे जीवों के लिए भी खतरा हो सकता है जो बर्फ में रहते हैं। पिछले वर्ष एक स्टडी में बताया गया था कि हवा का तापमान अधिक होने के कारण बर्फ के पिछलने से बनने वाला पानी समुद्र में बढ़ रहा है।
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