विज्ञान

अंतरिक्ष में लगा रहे रेस: सबसे आगे स्पेस एक्स, वर्जिन गैलेक्टिक और फिर ब्लू ओरिजिन, जानिए इसमें अंतर और कितना बेहतर?

Deepa Sahu
15 Sep 2021 5:20 PM GMT
अंतरिक्ष में लगा रहे रेस: सबसे आगे स्पेस एक्स, वर्जिन गैलेक्टिक और फिर ब्लू ओरिजिन, जानिए इसमें अंतर और कितना बेहतर?
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एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स 15 सितंबर को पहला ऑल-सिविलियन क्रू अंतरिक्ष में भेज रही है।

एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स 15 सितंबर को पहला ऑल-सिविलियन क्रू अंतरिक्ष में भेज रही है। इससे पहले रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गैलेक्टिक और जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन भी अंतरिक्ष की रेस में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। अब सवाल उठता है कि दुनिया के इन तीन अरबपतियों के अंतरिक्ष मिशन में आखिर अंतर क्या है? तीनों में कौन ज्यादा बेहतर है और क्यों? अगर आपके मन में भी इस तरह के तमाम सवाल हैं तो यह स्पेशल रिपोर्ट खास आपके लिए तैयार की गई है।

किसने कब भरी अंतरिक्ष के लिए उड़ान?
वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ड ब्रैनसन, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस और स्पेस एक्स व टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कुछ समय पहले अंतरिक्ष मिशन की तैयारी शुरू की थी। ब्रैनसन ने 11 जुलाई 2021 को अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जबकि इसके नौ दिन बाद यानी 20 जुलाई को बेजोस ने अपने रॉकेट ब्लू ओरिजिन के माध्यम से नए सफर के रास्ते खोले। अब एलन मस्क 15 सितंबर को अंतरिक्ष की सैर पर पहले ऑल सिविलियन क्रू (कोई भी अंतरिक्ष यात्री) को भेज रहे हैं। इन तीनों अरबपतियों के इस कदम से वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्रा के नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद बढ़ गई है।
तीनों की स्पेस फ्लाइट का खर्च कितना
एलन मस्क के इंस्पिरेशन-4 का काउंटडाउन शुरू होने के बाद अब तक हुईं अंतरिक्ष यात्राएं एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। साथ ही, उन पर होने वाले खर्च को लेकर अनुमान लगने लगे हैं। अहम बात यह है कि तीनों ही अरबपतियों ने इन उड़ानों पर होने वाले खर्च को लेकर अब तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। हालांकि, वर्जिन गैलेक्टिक ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए अब तक 600 टिकट बेच दिए हैं। इनमें एक टिकट के लिए दो से ढाई लाख डॉलर यानी 1.84 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जताया गया है। कंपनी को उम्मीद है कि वह 2022 में पूर्ण वाणिज्यिक सेवा शुरू कर देगी। तब तक टिकट की कीमत लगभग 40,000 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। जबकि जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन में सफर करने के लिए एक शख्स को कम से कम 209 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। वहीं, एलन मस्क के इंस्पिरेशन-4 पर होने वाले खर्च के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, मस्क ने यह कहा है कि स्पेसएक्स जापानी अरबपति युसाकु मेजावा को 2023 में अपने आगामी स्टारशिप रॉकेट के साथ चंद्रमा के चारों ओर घुमाएगी।
इतने मुसाफिर कर सकते हैं सफर
ब्रेसनन की वर्जिन गेलेक्टिक का स्पेसशिप टू सिस्टम अपने वीएसएस यूनिटी स्पेसप्लेन को अलग करने से पहले वीएमएस ईव नामक एक बड़े वाहक विमान से 90-100 किमी की ऊंचाई तक गया था। यूनिटी और इमैजिन दो पायलट और छह पैसेंजर वाला प्लेन है। वहीं, जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन का न्यू शेपर्ड रॉकेट-एंड-कैप्सूल कॉम्बो अलग होने से पहले सबऑर्बिटल स्पेस में जाता है। रॉकेट सेक्शन लॉन्चपैड पर वापस आ जाता है और कैप्सूल पैराशूट के नीचे वापस पृथ्वी पर गिर जाता है। इसमें कुल छह मुसाफिर एक बार में सफर कर सकते हैं। इनके अलावा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्टारशिप फॉल्कन-9 रॉकेट 394 फीट ऊंचा है, जिसका उपयोग अंतरिक्ष तक पहुंचने के लिए किया जाता है। यह सात लोगों को अंतरिक्ष में ले जा सकता है।
अंतरिक्ष में कितनी देर का सफर?
बता दें कि ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गैलेक्टिक ने प्राइवेट स्पेस टूरिज्म की शुरुआत करते हुए उड़ान भरी, लेकिन ये दोनों स्पेसक्राफ्ट एज ऑफ स्पेस तक ही गए थे। वहीं, मस्क का स्पेसक्राफ्ट धरती की ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा। यह रॉकेट पहले के दोनों स्पेसक्राफ्ट से करीब 475 किलोमीटर ज्यादा दूर जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 410 किलोमीटर दूर है और स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट उससे भी आगे यानी पृथ्वी से 540 किलोमीटर दूर तक जाएगा। ब्लू ओरिजिन और वर्जिन स्पेस शिप के मिशन कुछ मिनटों के ही थे। वे लोग स्पेस में गए और कुछ मिनट बाद धरती पर लौट आए, लेकिन मस्क का इंस्पिरेशन-4 मिशन तीन दिन का है। इस स्पेसक्राफ्ट में दो ट्रेंड पायलट होंगे, लेकिन स्पेसक्राफ्ट को ऑपरेट करने में उनका कोई योगदान नहीं होगा। वहीं, वर्जिन गैलेक्टिक को दो पायलट ऑपरेट कर रहे थे, जबकि ब्लू ओरिजिन में किसी पायलट की जरूरत नहीं थी।
कहां से और कब उड़ान भरेगा इंस्पिरेशन-4
जानकारी के मुताबिक, इंस्पिरेशन-4 की लॉन्चिंग तारीख 15 सितंबर तय की गई है, लेकिन इसका वक्त अभी तय नहीं हुआ है। इस फॉल्कन-9 रॉकेट की मदद से यह स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा और इसमें जाने वाले लोग अंतरिक्ष में तीन दिन बिताएंगे।
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