विज्ञान

तमिल नाडु में स्थित बटरबॉल विज्ञान के लिए पहेली, आज तक हिला नहीं पाया कोई

Gulabi
12 Jan 2021 1:55 PM GMT
तमिल नाडु में स्थित बटरबॉल विज्ञान के लिए पहेली, आज तक हिला नहीं पाया कोई
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दुनिया में एक से बढ़ कर एक अजीबोगरीब चीजें हैं, जिन पर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च करते रहते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में एक से बढ़ कर एक अजीबोगरीब चीजें हैं, जिन पर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च करते रहते हैं. कई घटनाएं और वस्तुएं साइंटिस्ट (Scientist) के लिए चुनौती बनी हुई हैं. इन घटनाओं और रहस्यों को विज्ञान अब तक नहीं सुलझा पाया है. ऐसी ही एक चुनौती है महाबलिपुरम का बटरबॉल (Butterball), जो 1200 वर्षों से साइंस को चैलेंज कर रहा है. इसे कृष्णा का बटरबॉल (Krishna's Butterball) कहते हैं. आइए जानते हैं इस बटरबॉल के पीछे का वैज्ञानिक तर्क और रहस्य.


क्या है बटरबॉल?
महाबलिपुरम का कृष्णा बटरबॉल (Krishna's Butterball) तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित एक विशाल ग्रेनाइट चट्टान (Mysterious Stone) है. 6 मीटर ऊंची और 5 मीटर चौड़ी इस चट्टान का वजन 250 टन है और यह ढलान पर स्थित है. आप जान कर चौंक जाएंगे कि यह चट्टान पिछले 1200 वर्षों से इसी ढलान पर स्थित है. चट्टान का मूल नाम Vaan Irai Kal है, जिसका अर्थ है, 'आकाश के देवता का पत्थर'. इसे यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) की मान्यता प्राप्त है.

इसके पीछे का वैज्ञानिक तर्क
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चट्टान अपने प्राकृतिक स्‍वरूप में है. भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती में आए प्राकृतिक बदलाव की वजह से इस तरह के असामान्‍य आकार के पत्‍थर का जन्‍म हुआ है. वर्तमान समय में विज्ञान इतनी प्रगति कर चुका है लेकिन इसके बावजूद भी अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि 4 फीट के बेस पर यह 250 टन का पत्‍थर कैसे टिका हुआ है.


कुछ लोगों का दावा है कि पत्‍थर के न लुढ़कने की वजह घर्षण (Friction) और गुरुत्‍वाकर्षण (Gravity) है. भूवैज्ञानिकों का तर्क है कि प्राकृतिक क्षरण (Corrosion) में इस तरह के असामान्य आकार का उत्पादन करने की संभावना नहीं है. कुछ का मानना ​​है कि देवताओं ने खुद इसे रखा है. वहीं, कुछ का कहना है कि इसे एलियंस ने रखा है.


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