विज्ञान

Gaganyaan को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी तेज, रूस के बाद भारत में जल्द शुरू होगी चारों एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग

Gulabi
19 March 2021 6:14 AM GMT
Gaganyaan को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी तेज, रूस के बाद भारत में जल्द शुरू होगी चारों एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग
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भारत के पहला मानव मिशन ‘गगनयान’ (Gaganyaan) को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी तेज हो गई

भारत के पहला मानव मिशन 'गगनयान' (Gaganyaan) को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी तेज हो गई है. मिशन के लिए इंडियन एयरफोर्स के चार पायलट चुने गए हैं. उनकी रूस में चल रही ट्रेनिंग जल्द ही खत्म होने वाली है जिसके बाद अब भारत में उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी. गुरुवार को सरकार की ओर से बताया गया है कि अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग मई या जून से शुरू हो जाएगी.

गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) का लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर 2022 में 4 सदस्यीय दल को 5 से 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्‍वतंत्रता दिवस पर राष्‍ट्र के नाम संबोधन में इस मिशन का ऐलान किया था. इसरो (ISRO) ने उसी हिसाब से योजना पर काम करना शुरू कर दिया था.
कोरोना महामारी की वजह से इस मिशन में पहले ही देरी हो चुकी है. दरअसल इसरो ने दिसंबर 2020 में पहली मानव रहित उड़ान, जुलाई 2021 में दूसरी और दिसंबर 2021 में पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन की योजना बनाई थी. हालांकि कोरोना महामारी के चलते इसरो की ये योजना प्रभावित हो गई और अब नए शेड्यूल के मुताबिक पहली मानव रहित उड़ान दिसंबर 2021 और दूसरी उड़ान साल 2022-23 में होगी. इन दोनों के सफल परीक्षण के बाद इसरो पहला मानव अंतरिक्ष यान भेजेगा.
फिलहाल अंतरिक्ष यात्री रूस में अंतरिक्ष की परस्थितियों के अनुसार ढलने की ट्रेनिंग ले रहे हैं जहां उन्हें गागरिन कॉस्मोनॉट प्रशिक्षण केंद्र में बर्फ, पानी और स्टेपी, पैराबॉलिक फ्लाइट और एस्ट्रो नेविगेशन जैसी स्पेस ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं भारत में दी जाने वाली ट्रेनिंग के दौरान उन्हें भारत के क्रू मोड्यूल और सिस्टक के बारे में बताया जाएगा. ट्रेनिंग में भारत के क्रू मॉड्यूल और उड़ान हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के सिमुलेटर शामिल होंगे.
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