विज्ञान

ये क्या! अंतिम संस्कार का तरीका बदलने की तैयारी! मृत लोगों पेड़ों में बदलेंगे

jantaserishta.com
2 Nov 2021 3:12 AM GMT
ये क्या! अंतिम संस्कार का तरीका बदलने की तैयारी! मृत लोगों पेड़ों में बदलेंगे
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आइए समझते हैं कि आखिर इस तरीके में क्या होगा?

मरने के बाद शरीर को जलाया या दफनाया जाता है. दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में शरीर को दफनाना ही अंतिम संस्कार है. आजकल लोग मरने से पहले शरीर या अंगों को दान कर जाते हैं. ताकि किसी का भला हो सके. या मेडिकल के स्टूडेंट्स मृत शरीर की आंतरिक संरचना को समझ सकें. लेकिन एक कंपनी ऐसी है जो मृत शरीर को पेड़ों में बदलना चाहती है. वो अंतिम संस्कार का तरीका बदलने की तैयारी में है. आइए समझते हैं कि आखिर इस तरीके में क्या होगा? इससे समाज और प्रकृति को वैज्ञानिक तौर पर क्या फायदा होगा?

जब भी किसी की मौत होती है, उसके संगे-संबंधी दुखी होते हैं. वो चाहते हैं कि मृत व्यक्ति को अंतिम विदाई तरीके से दी जाए. कुछ लोग भव्य आयोजन करते हैं. बड़े मकबरे या समाधि बनवाते हैं. बढ़िया कॉफिन मंगवाते हैं. लेकिन कैप्सुला मुंडी (Capsula Mundi) नाम की एक कंपनी है, जो मृत व्यक्तियों के शरीर को एक खास तरह के पॉड में डालकर उसे पेड़ों में बदलने का प्रस्ताव लाई है.
इस खास पॉड का नाम है ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स (Organic Burial Pods). यानी एक ऐसा अंडाकार कैप्सूल जो कार्बनिक है. अब इससे फायदा क्या होगा? कैप्सुला मुंडी (Capsula Mundi) के इस अंडाकार कैप्सूल में इंसान के शरीर को उसी तरह से रखा जाएगा, जिस तरह से वह किसी महिला के गर्भ में भ्रूण (Embryo) के रूप में होता है.
भ्रूण की तरह ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स (Organic Burial Pods) में रखे गए मृत शरीर को कैप्सुला मुंडी कंपनी एक बीज के रूप में देखती है. जिसके ऊपर एक पेड़ होगा. कैप्सुला मुंडी (Capsula Mundi) का यह ऑर्गेनिक बरियल कैप्सूल स्टार्च प्लास्टिक से बना है. जो 100 फीसदी जमीन में पूरी तरह से गल जाएगा.
इस पॉड के गलने के साथ ही मृत शरीर भी गल जाएगा. यह शरीर पूरी तरह से जमीन में मिल जाएगा. इसके बदले में शरीर के पिघलने से निकलने वाले पोषक तत्व ऊपर लगे पेड़ का विकास करेंगे. इसका एक फायदा ये होगा कि मृत व्यक्ति के सगे-संबंधी उस पेड़ के नीचे अपनो को याद कर सकते हैं. उनकी छांव में समय बिता सकते हैं.
कुल मिलाकर ये ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स (Organic Burial Pods) कॉफिन यानी ताबूत की जगह लेगा. जो पूरी तरह से कार्बनिक और प्राकृतिक तौर पर गलने वाला होगा. यह कॉफिन से कम समय में गल जाएगा. साथ ही इससे और मृत शरीर और इस पॉड से निकलने वाला पोषक तत्व पेड़ों के विकास में मदद करेगा.
यह तरीका सुनने और पढ़ने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन यह नया है. कैप्सुला मुंडी (Capsula Mundi) ने दावा किया है कि यह एक तरह का हरित कब्रिस्तान (Green Cemeteries) का आइडिया है. किसी भी पेड़ को पूरी तरह से विकसित होने में 10 से 40 साल लग जाते हैं. लेकिन ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स एक हफ्ते में ही इन्हें काफी पोषक तत्व दे देगा. फिर मृत व्यक्ति के रिश्तेदारों का उस पेड़ के साथ एक खास संबंध बन जाएगा. वो उसका ध्यान रखेंगे.
इसके अलावा कंपनी ने यह तरीका भी बताया है कि अगर कोई दफनाने के बजाय मृत व्यक्ति को जलाता है, तो भी हम उसकी राख और अवशेषों को छोटे गलने वाले पॉड्स में रखकर जमीन में दफना सकते हैं. इसके ऊपर एक पौधा लगा सकते हैं. ताकि सगे-संबंधी उस पौधे का ख्याल रखें और ग्रीनरी को बढ़ावा दें.
कैप्सुला मुंडी (Capsula Mundi) का दावा है कि इस तरह से शवों को दफनाने से कई पेड़ लग जाएंगे. कब्रिस्तान हरा-भरा होता जाएगा. साथ ही हरियाली भी बढ़ेगी. एक समय ऐसा आएगा जब जंगल बन जाएगा. क्योंकि सिर्फ जंगल और पेड़ ही धरती और आसमान को जोड़ते हैं. किसी मृत व्यक्ति को इससे बेहतर अंतिम विदाई और शांति कहां मिल सकती है.


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