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52 वर्षीय जैमी कूपर ने महसूस किया कि 17 जून को नॉर्थहेम्पटनशायर के डेवेंट्री के पास विल्टन में उनके घर के ऊपर ऐसा नजारा दिखाई दिया. उन्होंने 10:22 BST पर सूर्य के पार पूरे ट्रांस्जिट को शूट किया. ये घटना एक सेकंड से भी कम समय तक चली. इसे शूट कने के लिए दूरबीन और एक उच्च गति वाले वीडियो कैमरा का इस्तेमाल किया गया.
जैमी कूपर कहते हैं, 'यह ऐसा मौका था, जिसे किसी भी कीमत पर गंवाया नहीं जा सकता था. मैं सही समय पर सही जगह पर था.'
कूपर बताते हैं, 'मैंने तीन दिन पहले डेटा की जांच की थी. ये घटना मेरे घर के ऊपर होने वाली थी, इसलिए मैं भाग्यशाली था.'
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन नारंगी सूर्य के सामने एक काले धब्बे की तरह दिखाई दे रहा है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से 410 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑर्बिट पर मौजूद है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन साल 1998 प्रक्षेपित किया गया था जिसमें अमेरिका, रूस और यूरोप सहित कई देशों की भागीदारी रही. पिछले 23 साल में तमाम देशों के सहयोग से इस स्टेशन पर प्रमुख रूप से शून्य गुरुत्व पर प्रयोग किए गए. इसके अलावा ऐसे भी प्रयोग किए गए जिन्हें पृथ्वी पर करना संभव ही नहीं था.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की उम्र उम्मीद से ज्यादा लंबी हो गई है. पहले यह 2022 तक चलने वाला था और फिर इसका कार्यकाल और ज्यादा बढ़ता दिखा, लेकिन इस पर खतरे भी बढ़ते रहे. अब नासा ने हाल ही में ऐलान किया है कि 2031 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया जाएगा. ऐसे में रूस के खुद के स्पेस स्टेशन की तैयारी हैरान करने वाली बात नहीं दिखती.