विज्ञान

लाल ग्रह पर चट्टानों से नमूनों को इकट्ठा करेगा परसिवरेंस रोवर, अब धरती पर आएगी मंगल की 'मिट्टी

Rani Sahu
28 Aug 2021 9:26 AM GMT
लाल ग्रह पर चट्टानों से नमूनों को इकट्ठा करेगा परसिवरेंस रोवर, अब  धरती पर आएगी मंगल की मिट्टी
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परसिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) मंगल ग्रह (Mars) की चट्टान को ड्रिल करके वहां कि मिट्टी के नमूने (Rock Samples) को इकट्ठा करेगा

परसिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) मंगल ग्रह (Mars) की चट्टान को ड्रिल करके वहां कि मिट्टी के नमूने (Rock Samples) को इकट्ठा करेगा. इसके बाद मंगल ग्रह के इन पहले नमूनों को पृथ्वी पर वापस भेजा जाएगा. इससे पहले किए गए प्रयास में रोवर मिट्टी के नमूनों को इकट्ठा करने में असफल रहा.

एसयूवी के आकार का रोवर 'Rochette' नामक एक चट्टान की सतह को खुरचेगा. इससे वैज्ञानिकों को अंदर देखने और ये पता लगाने की अनुमति मिलेगी कि वे इससे नमूना लेना चाहते हैं या नहीं. ये रोवर जेजेरो क्रेटर (Jazero Crater) के पास घूम रहा है. यहां पर रोवर पृथ्वी से परे मंगल ग्रह पर मौजूद 'प्राचीन जीवन' की तलाश में जुटा हुआ है.
परसिवरेंस रोवर सतह को खुरचने के लिए 7 फुट लंबी रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल करेगा. वहीं, अगर टीम इस चट्टान से एक कोर को नमूने के लिए इकट्ठा करने का फैसला करती है, तो इसे इकट्ठा करने की प्रक्रिया अगले हफ्ते शुरू की जाएगी. परसिवरेंस एक सबसर्फेस रडार के जरिए चट्टानों की नीचे की परतों को देखता है. (NASA)
रोवर अब 'कैसल' के लिए 'सिटाडेल' फ्रेंच नामक एक रिज पर नमूनों की तलाश करेगा. ये क्षेत्र उस स्थान से लगभग 455 मीटर दूर है, जहां पिछली बार रोवर ने नमूना इकट्ठा करने का प्रयास किया था.
रोवर और उसके साथी मिनी हेलीकॉप्टर Ingenuity द्वारा इमेजिंग में पता चला था कि नमूने के लिए यहां मौजूद तलछटी चट्टान के लिए काफी बेहतर हो सकती है. NASA के अनुसार, रिज चट्टान की एक परत से ढका हुआ है, जो हवा के कटाव से निपटता है. ये एक संकेत है कि ड्रिलिंग के दौरान यहां से अच्छे नमूने इकट्ठा किए जा सकते हैं.
बता दें कि परसिवरेंस रोवर के ऊपर एक सुपरकैमरा लगा हुआ है, जो पत्थरों की बनावट को समझने और अन्य जगहों पर जाने के लिए एक शक्तिशाली लेजर का प्रयोग करता है. यदि NASA के इंजीनियरों को कोई खास जगह मिलती है तो वे रोवर को निर्देश दे सकते हैं कि वो उसकी बारीकी से जांच करें.
SHERLOC नामक एक डिवाइस रोवर की बांह पर लगाया गया है, जो कैमरा, लेजर और अन्य डिवाइसों को पत्थरों पर करीबी नजर रखने में मदद करेगा. इसके अलावा, इसके जरिए क्रेटर के पत्थरों में मौजूद मिनरल्स, कार्बनिक मॉलिक्यूल और संभावित बायोसिग्नेचर की पहचान करेगा.


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