विज्ञान

रेडियोथेरेपी से गुजर रहे लोगों ने एक अनोखी घटना के बारे में बताया, वैज्ञानिकों ने पहली बार मरीज़ की आंख में दिखी Cherenkov Light

Tulsi Rao
17 May 2022 5:12 PM GMT
रेडियोथेरेपी से गुजर रहे लोगों ने एक अनोखी घटना के बारे में बताया, वैज्ञानिकों ने पहली बार मरीज़ की आंख में दिखी Cherenkov Light
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सालों से कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) का इस्तेमाल किया जाता रहा है. लेकिन हाल ही में एक अनोखी घटना के बारे में पता चला है. रेडियोथेरेपी से गुजर रहे लोगों की आखों में प्रकाश की चमक तब भी दिख रही थी, जब उनकी आंखें बंद थीं.

मेडिकल लिटरेचर में मरीजों ने बताया है कि रेडिएशन देने पर, उन्हें नीली रोशनी की किरण और नीली निओन रोशनी (Neon light) दिखाई दी. इस दौरान उन्होंने गंध भी महसूस हुई और ये एक सैकेंड से भी कम देर के लिए हुआ.
रेडियोथेरेपी से गुजर रहे मरीजों ने इस अनोखी रोशनी के बारे में बताया
ऐसा क्यों हुआ होगा, इसपर कई सिद्धांत दिए गए हैं, जिसमें थेरेपी के दौरान मरीजों की आंखों के अंदर रेटिनल पिगमेंट को स्टिमुलेट किया जाना या चेरेनकोव लाइट (Cherenkov light) या चेरेनकोव रेडिएशन (Cherenkov radiation) का होना शामिल है. यह वही प्रभाव है जिसकी वजह से पानी में न्यूक्लियर रिएक्टर नीले रंग में चमकते हैं. अब ये इंसान की आईबॉल (Eyeball) में भी चमक रहा था.
अब वैज्ञानिकों ने पहली बार इस अजीब रोशनी को कैप्चर किया है. वैज्ञानिकों ने पहला फोटोग्राफिक सबूत दिया है जो यह बताता है कि यह असल में चेरेनकोव लाइट ही है. चेरेनकोव लाइट, विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic Radiation) है, जो तब उत्सर्जित होती है जब एक आवेशित कण (Charged Particle) पदार्थ में प्रकाश की गति से भी तेज गति से, उस मैटर से होकर गुजरता है. इससे एक सोनिक बूम जैसा प्रभाव पैदा होता है.
आंखों में दिखी नीले रंग की रोशनी
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक परमाणु रिएक्टर को जब पानी में रखा जाता है, तो वह किस तरह नीली रोशनी पैदा करता है. हालांकि इंसान की आंख में चेरेनकोव लाइट को खोजना कोई आसान काम नहीं था.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी (International Journal of Radiation Oncology) में पेपर प्रकाशित करने वाली डार्टमाउथ और डार्टमाउथ-हिचकॉक के नॉरिस कॉटन कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं की एक टीम ने सीडोस कैमरा इमेजिंग सिस्टम (CDose camera imaging system) नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया. इससे खास तौर पर बायोलॉजिकल सिस्टम से निकले वाली लाइट को देखने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
शोधकर्ता इरविन टेंडलर (Irwin Tendler) का कहना है कि हमारा नया डेटा बहुत दिलचस्प है क्योंकि पहली बार, रेडियोथेरेपी से गुजरने वाले मरीजों की आंख से प्रकाश के उत्सर्जन को कैप्चर किया गया है. यह डेटा पहला ऐसा सबूत है जो इस बात का समर्थन करता है कि आंख के अंदर इतना प्रकाश उत्पन्न होता है जिससे विज़ुअल सेंसेशन होती है. यह प्रकाश चेरेनकोव उत्सर्जन जैसा ही दिखता है.
टीम को उम्मीद है कि इस रिसर्च और इमेजिंग सिस्टम से रेडिएशन थेरेपी को और बेहतर बनाया जा सकता है


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