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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के वजह से दुनियाभर के कई देश विज्ञान और शोध को लेकर गंभीर हुए हैं। हालांकि, इस वायरस के बारे में अभी तक किसी देश के पास कोई खास जानकारी नहीं है। कई देशों के द्वारा रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं विकसित देश इस घातक वायरस के रिसर्च पर खास ध्यान दे रहे हैं। फिलहाल इस वायरस से बचाव के लिए सभी लोगों का भरोसा विज्ञान और वैज्ञानिकों पर टिका है। दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जहां विज्ञान और वैज्ञानिकों पर लोग बहुत भरोसा करते हैं, तो वहीं कई देश ऐसे भी हैं जहां ना के बराबर लोग इन सब चीजों को तव्वजो देते हैं।
भारत
भले ही भारत के लोग अनुशासन के मामले में पीछे हो, लेकिन दूसरे देशों की अपेक्षा यहां के लोगों को वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की बात पर काफी भरोसा है। अमेरिकी संस्था प्यू रिसर्च सेंटर के रिपोर्ट के मुताबिक भारत की लगभग 59 फीसदी आबादी वैज्ञानिकों के बात पर पूरा भरोसा करती है।
अमेरिका
भारत के तुलना में कहीं ज्यादा विकसित देश अमेरिका के लोग विज्ञान पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं। प्यू के रिसर्च के मुताबिक अमेरिका की लगभग 38 फीसदी आबादी वैज्ञानिकों पर भरोसा जताती है, जबकि 21 फीसदी आबादी ऐसी है, जिन्हें विज्ञान और वैज्ञानिकों पर थोड़ा भी यकीन नहीं है।
जापान
तकनीक और अनुशासन के लिए पुरी दुनिया में मशहूर जापान वैज्ञानिकों पर कोई खास भरोसा नहीं करता है। जापान में करीब 23 फीसदी लोग ही विशेषज्ञों की बातों को मानते हैं, जबकि 12 फीसदी लोग तो ऐसे हैं जिन्हें विज्ञान पर बिल्कुल यकीन नहीं है।
उत्तर कोरिया
दुनियाभर से कटा रहने वाला उत्तर कोरिया विज्ञान पर भरोसा करने की श्रेणी में सबसे निचले पायदान पर है। बता दें कि उत्तर कोरिया में मात्र 14 फीसदी लोग ही वैज्ञानिकों पर यकीन करते हैं। भले ही यह देश विज्ञान के इस्तेमाल से मिसाइलें और परमाणु हथियार बनाने पर जोर दे रहा हो, लेकिन यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा विज्ञान पर भरोसा नहीं करता है।