विज्ञान

कोरोना के शिकार हो चुके लोगों को डायबिटीज का खतरा, जानिए क्या कहती है रिसर्च

Triveni
8 May 2021 2:16 AM GMT
कोरोना के शिकार हो चुके लोगों को डायबिटीज का खतरा, जानिए क्या कहती है रिसर्च
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कोरोना महामारी की दूसरी लहर बहुत ही खतरनाक साबित हो रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना महामारी की दूसरी लहर बहुत ही खतरनाक साबित हो रही है। बढ़ते मामलों और पीड़ितों की मौत में तेजी से इजाफा देखते हुए कहा जा सकता है कि कोविड19 महामारी इस साल पिछले साल से भी ज्यादा खतरनाक है। पिछले साल से कोरोना से जुड़ी कई रिसर्च सामने आ रही हैं। अब हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसके अनुसार कोरोना सिर्फ डायबिटीज मरीजों के लिए ही खतरनाक नहीं है बल्कि जो लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं, उन्हें भी डायबिटीज होने का खतरा है।

जियाद अल-अली की शोध टीम ने उन्हें बताया कि कोविड -19 की चपेट में आए लोगों में डायबिटीज के लक्षण दिखाई दिए हैं। इस बात को सुनकर अली को लगा कि आंकड़े गलत होंगे इसलिए उन्होंने अपने पांच सहयोगियों को फिर से इससे जुड़े आंकड़े जुटाने को कहा। करीब सप्ताह बाद लाखों मरीजों के आंकड़े को देखते हुए वे फिर से इसी नतीजे पर पहुंचे। तब डॉक्टर अली ने कई साइंस से जुड़ी किताबों और रिकॉर्ड की मदद से इस खतरनाक निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोविड19 सिर्फ डायबिटीज मरीजों के लिए ही नहीं खतरनाक नहीं है बल्कि इससे पीड़ित होने वाले कई लोगों में मेटाबॉलिक बीमारियां भी देखी जा रही हैं, जो उन्हें पहले नहीं थी। कोरोना ने उनके अंदर कई बीमारियों को ट्रिगर किया है। वेटरन्स अफेयर्स सेंट लुइस हेल्थ केयर सिस्टम, मिसौरी के महामारी विज्ञान केंद्र का निर्देशन करने वाले अल अली के मुताबिक इस बात को समझने में उन्हें काफी वक्त लगा कि कोरोना ऐसा भी कर सकता है।
लॉकडाउन भी ऐसे जिम्मेदार
कोविड -19 के कई लहरों वाले प्रभावों के बीच, विश्व पर डायबिटीज का बोझ पड़ सकता है। वहीं, कुछ डॉक्टरों को SARS-CoV-2 वायरस पर संदेह है कि यह अग्न्याशय, ग्रंथि को नुकसान पहुंचा सकता है। लॉकडाउन द्वारा लाए गए बैठे रहने वाली जीवन शैली भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है क्योंकि घर पर बैठे रहने के कारण लोग डॉक्टर के पास रेगुलर चेकअप के लिए नहीं जाते। वहीं, वैज्ञानिकों ने पाया कि हल्के लक्षण वाले कोरोना वायरस के मामले डायबिटीज की ओर भी बढ़ सकते हैं।
कोविड19 के बाद अचानक दिखने लगे डायबिटीज के लक्षण
रिपोर्ट के अनुसार, Covid-19 के कई मरीज जिनमें डायबिटीज के कोई सिम्टम्स नहीं थे उनमें भी अचानक मधुमेह के लक्षण दिखने लगे हैं। सामान्य तौर पर भी शुगर जैसी बीमारियों के मरीज फ्लू जैसे वायरल संक्रमण से निपटने के दौरान ही कई तरह समस्याओं का जोखिम उठाते हैं तो कोविड-19 भी उनके लिए घातक साबित हो सकता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को सबसे अधिक खतरा तब होता है जब यह इन्फ्लूएंजा (फ्लू), निमोनिया हो और अब COVID-19 भी खतरा है।
कमजोर इम्युनिटी भी कारण
यह जोखिम तब और बढ़ जाता है जब ग्लूकोज के लेवल में उतार-चढ़ाव होता हैं, इस बीच यदि ग्लूकोज का स्तर ज्यादा होता है, तो हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है लिहाजा हम जल्द बीमार हो जाते हैं और संक्रमण से लड़ने की क्षमता खो देते है। यानी ग्लूकोज का स्तर कम होने पर ही डायबिटीज वाले कोविड संक्रमित मरीजों को अधिक जोखिम उठाना पड़ सकता हैं। इसलिए ऐसी बीमारी वालों को अपने ग्लूकोज के स्तर की जांच करते रहना चाहिए।


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