विज्ञान

प्रशांत महासागर क्या बनाएगा दुनिया में अगला अतिमहाद्वीप

Subhi
2 Oct 2022 3:23 AM GMT
प्रशांत महासागर क्या बनाएगा दुनिया में अगला अतिमहाद्वीप
x
पृथ्वी की पर्पटी और सतह पर टेक्टोनिक प्लेट की गतिविधियां (Tectonic Plates movements) महाद्वीपों के निर्माण और बदालव की प्रक्रियाओं में निरंतरता बनाए हुए हैं. मानवीय पैमानों के मुताबिक इस तरह की प्रक्रियाएं बहुत धीमी गति से हो रही हैं.

पृथ्वी की पर्पटी और सतह पर टेक्टोनिक प्लेट की गतिविधियां (Tectonic Plates movements) महाद्वीपों के निर्माण और बदालव की प्रक्रियाओं में निरंतरता बनाए हुए हैं. मानवीय पैमानों के मुताबिक इस तरह की प्रक्रियाएं बहुत धीमी गति से हो रही हैं. लेकिन उनकी निरंतरता उनका अनुमान लगाना आसान कर देती है. इसी आधार पर वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि पृथ्वी की सतह पर अतिमाहाद्वीप के बनने (Formation of Supercontinent) और विखंडित होने की प्रक्रिया भी लगातार चल रही है. नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि पृथ्वी का अगला अतिमहाद्वीप 20 से 30 करोड़ साल के बीच बनेगा और जिसका एमेशिया (Amasia Supercontinent) नाम भी तय हो चुका है.

एक होंगे अमेरिकी और एशिया महाद्वीप

न्यूकर्टिन यूनिवर्सिटी की अगुआई में हुए इस शोध मे पाया गया है कि यह अतिमहाद्वीप प्रशांत महासागर के सिमटकर बंद हो जाने से बनेगा जहां अमेरिकी और एशिया महाद्वीप एक होजाएंगे. इसी वजह से उसने अमेशिया नाम दिया गया है. नेशनल साइंस रीव्यू में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने एक सुपरकम्प्यूटर की मदद ली है.

सिम्यूलेशन ने किया खुलासा

इस सुपरकम्प्यूटर में वैज्ञानिकों अतिमहाद्वीप कैसे बनते हैं इसका सिम्यूलेशन तैयार किया और पाया कि चूंकि पृथ्वी अरबों सालों से ठंडी हो रही है महासागरों के नीचे की प्लेटों की मोटाई और ताकत समय के साथ कम होती जा रही है जिससे अगले अतिमहाद्वीप को पास आकर जुड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हिंद और अटलांटिक महासागर नहीं

महाद्वीपों को आपस में जुड़ने में अटलांटिक और हिंद जैसे युवा महासागरों को खत्म करने में इसी वजह से दिक्कत आ रही है और इसी कारण यह कार्य प्रशांत महासागर के जरिए होगा जो दोनों महासागरों की तुलना में ज्यादा पुराना है. कर्टिन यूनिवर्सिटी के अर्थ डायनामिक रिसर्च ग्रुप और स्कूल ऑफ अर्थ एंड प्लैनेटरी साइंसेस के वैज्ञानिक और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ चुआन हुआंग का कहना है कि इस अध्ययन से पृथ्वी पर अगले 20 करोड़ सालों में क्या होगा इसकी जानकारी मिल सकेगी.

अतिमहाद्वीप चक्र की प्रक्रिया

डॉ हुआंग का कहना है कि पिछले 2 अरब सालों में महाद्वीप आपस में टकराकर हर 60 करोड़ साल में एक अतिमहाद्वीप का निर्माण करते हैं. इस पूरी प्रक्रिया को अतिमहाद्वीप चक्र कहते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि वर्तमान महाद्वीपों को एक बार फिर करीब 20 करोड़ साल बाद आपस में मिल जाना है.

क्रेडिट ; न्यूज़ 18

Next Story