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मुसीबत? अंतरिक्ष के कचरे को लेकर वैज्ञानिकों ने कही यह बात, जानें सब कुछ

jantaserishta.com
29 July 2022 4:15 AM GMT
मुसीबत? अंतरिक्ष के कचरे को लेकर वैज्ञानिकों ने कही यह बात, जानें सब कुछ
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 न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: अंतरिक्ष से कई बार कचरा धरती पर गिरा है. इमारतें चटकी हैं. कांच की खिड़कियां चकनाचूर हो गई हैं. लेकिन कभी किसी के मरने की खबर नहीं आई है. आज तक अंतरिक्ष से गिरने वाले किसी भी कचरे की वजह से किसी इंसान की मौत नहीं हुई है. हालांकि लोग घायल हुए हैं. संपत्ति को नुकसान हुआ है. अब वैज्ञानिकों ने गणना की है कि अगर अंतरिक्ष से कचरा गिरता है तो इंसानों के मरने की कितनी आशंका है.

वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष के कचरे से इंसान की मौत की गणना इसलिए की है क्योंकि धरती से लगतार सैटेलाइट्स छोड़े जा रहे हैं. पुराने बेकार होकर धरती पर गिर रहे हैं. रॉकेट भी गिर रहे हैं. इसलिए रिस्क की गणना करना जरूरी है. इसे लेकर एक नई स्टडी की है, जो Nature Astronomy जर्नल में प्रकाशित हुई है. अगले दस साल में गिरते हुए रॉकेट्स, उनके हिस्से और पुराने सैटेलाइट्स की वजह से ये घटनाएं बढ़ जाएंगी.
हर दिन हर मिनट अंतरिक्ष से धरती पर कचरा गिरता है. जिसके बारे में हमें पता नहीं होता. ये बेहद माइक्रोस्कोपिक कण होते हैं. या फिर एस्टेरॉयड्स या धूमकेतु को छोटे टुकड़े होते हैं. अंतरिक्ष से आकर ये वायुमंडल में जकर खत्म हो जाते हैं. इनके बारे में तो लोगों को पता भी नहीं चलता कि हर साल धरती की सतह पर वायुमंडल पार करके 40 हजार टन धूल जमा होती है.
धूल से कोई दिक्कत नहीं है. अंतरिक्ष के कचरे से स्पेसक्राफ्ट को भी नुकसान पहुंच सकता है. इसकी रिपोर्ट तो हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope) ने भी दी थी. ऐसा बेहद कम होता है यानी 100 सालों में कभी एक बार जब कोई दसियों मीटर लंबा उल्कापिंड वायुमंडल को पार करके धरती की सतह से टकराता है. बड़ा गड्ढा बना देता है. लेकिन ऐसे उल्कापिंडों के टकराने से वर्तमान इतिहास में बड़े नुकसान की खबर नहीं मिली है.
ऐसा बेहद दुर्लभ होता है कि जब एक किलोमीटर या उससे बड़े आकार के उल्कापिंड धरती पर गिरते हैं. तब वो वायुमंडल को पार करके धरती पर टकराते ही तबाही ले आते हैं. इनकी वजह से मौत होती है. भारी तबाही मचती है. डायनासोर ऐसे ही किसी उल्कापिंड की वजह से मारे गए थे. खैर ये तो उदाहरण हैं अंतरिक्ष के प्राकृतिक कचरे से होने वाली आपदाओं को लेकर. अब बात करते हैं इंसानों द्वारा निर्मित अंतरिक्षीय कचरे की.
एक नई स्टडी के मुताबिक अब अंतरिक्ष से आने वाले अनियंत्रित आर्टिफिशियल कचरे इंसानों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. इसमें रॉकेट के स्टेजेस शामिल होते हैं. पिछले 30 सालों के सैटेलाइट लॉन्च का डेटा देखा जाए तो अगले कुछ सालों में इनके गिरने की घटना सामान्य हो जाएगी. इनकी वजह से नुकसान और लोगों की मौत की खबरें भी आने लगेंगी. सबसे ज्यादा खतरा इंडोनेशिया के जकार्ता, बांग्लादेश के ढाका, नाइजीरिया के लागोस, अमेरिका के न्यूयॉर्क, चीन के बीजिंग और रूस के मॉस्को में है.
अगले एक दशक में अंतरिक्ष से वायुमंडल पार करके धरती पर आने वाले रॉकेटों की संख्या बढ़ने वाली हैं. हर दशक में कम से कम अंतरिक्ष से आने वाले रॉकेटों की संख्या से 10 फीसदी लोगों की मौत होने की आशंका है. अभी ऐसी स्थिति नहीं है. लेकिन अगले एक दशक में ऐसी स्थिति बन जाएगी. कुछ देशों का मानना है कि सबसे ज्यादा खतरा चीन के लॉन्ग मार्च रॉकेट के धरती पर वापस आने से है. इनकी वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं.


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