विज्ञान

अजीब विरोधाभासों से भरा था निकोला टेस्ला का जीवन

Subhi
10 July 2022 3:45 AM GMT
अजीब विरोधाभासों से भरा था निकोला टेस्ला का जीवन
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निकोला टेस्ला उन खास वैज्ञानिकों में से एक हैं जिनके जीवन की कहानी उनके आविष्कारों और वैज्ञानिक सोच की तरह ही रोचक रही है. बिजली की दुनिया में क्रांतिकारी आविष्कारों को अंजाम देने वाले टेस्ला की जीवन बहुत संघर्ष और उतार चढ़ाव से भरा रहा.

निकोला टेस्ला (Nicola Tesla) उन खास वैज्ञानिकों में से एक हैं जिनके जीवन की कहानी उनके आविष्कारों (Inventions) और वैज्ञानिक सोच की तरह ही रोचक रही है. बिजली की दुनिया में क्रांतिकारी आविष्कारों को अंजाम देने वाले टेस्ला की जीवन बहुत संघर्ष और उतार चढ़ाव से भरा रहा. उनके द्वारा की गई खोजे और आविष्कार दुनिया के लिए बहुत बड़े बदलाव लाने वाले ही रहे. तो उनके तकनीकी विचार किसी भविष्यवाणी से कम भी साबित नहीं हुए. सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) का विचार उन्होंने करीब 90 साल पहले ही दे दिया था. उनके जीवन की कहानी कई तरह के विरोधाभास और अजीब बातों से भरी पड़ी हैं.

तेज दिमाग के बाद भी

10 जुलाई 1856 को क्रोशिया में जन्मे निकोला टेस्ला बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के स्वामी थे. लेकिन उनका स्वास्थ्य कई बार साथ नहीं देता दिखा था. एक बार बहुत बीमार होने पर उनके पिता ने उनसे वादा किया था कि अगर वे ठीक हो गए तो उन्हें इंजीनियरिंग में दाखिला करवा देंगे. लेकिन इसके विपरित निकोला बहुत अनुशासित व्यक्ति नहीं रहे. उन्हें जुए की लत लग गई थी. अपने ट्यूशन फीस तक वे जुए में गंवा दिया करते थे और वे बहुत ही कम सोया करते थे.

स्नातक नहीं हो सके

लेकिन तमाम कमियों के बाद भी टेस्ला गणित के कठिन सवालों को अपने दिमाग में ही हल कर लेते थे. वे 8 भाषाओं के जानकार होने के साथ ही वे किताबें पढ़ने के बहुत शौकीन थे. लेकिन इसके साथ ही वे कई आदतों के चलते फेल भी हुए और कभी स्नातक नहीं हो सके. ऐसा ही उनके साथ लंबे समय तक भी हुआ. पिता की मृत्यु के बाद जब वे प्राग में पढ़ रहे थे तब भी वे सभी विषयों को नहीं पढ़ा करते थे.

टेस्ला और एडिसन

टेस्ला की प्रतिभा की झलक एक बार एडिसन को भी देखने को मिली थी. टेस्ला ने एडिसन की कंपनी में कई उपकरणों को बेहतर बनाया और आविष्करों में मदद की, एक बार एडीसन ने टेस्ला को अपने जनरेटर और मोटर को अच्छा बनाने की चुनौती भी दी थी. लेकिन बताया जाता है कि चुनौती पूरा होने पर एडिसन नियत पैसा देने से मुकर गए. इसके बाद टेस्ला ने एडिसन की कंपनी छोड़ दी.

क्या वाकई दुश्मन थे दोनों

मशहूर तो यही है कि टेल्सा और एडिसन के बीच जीवन भर एसी डीसी के युद्ध के कारण एक तरह की शुत्रता रही. लेकिन टेस्ला के नजदीकी ऐसा नहीं मानते हैं. एडिसन कई बार टेस्ला केलेक्चर सुनने जाया करते थे और टेस्ला ने जब भी एडिसन को देखा उन्हें सम्मान भी दिया. टेस्ला ने एडिसन की कंपनी से बाहर आने के बाद कई उपकरणों का पेटेंट भी हासिल किया और उस दौर में अमेरिका में हुए एसी और डीसी विद्युत के युद्ध में उनकी प्रतिभा को यथोचित सम्मान नहीं मिला. इन सब के बाद भी कई बार देखा गया कि एडिसन टेस्ला को सम्मान की निगाह से देखा करते थे.

निवेशकों को विश्वास?

लेकिन वास्तव में टेस्ला के आविष्करों पर निवेशकों को कभी विश्वास नहीं हुआ, कई बार ऐसा हुआ कि शुरू में निवेशकों ने उन पर भरोसा दिखाया और बाद में अपने हाथ खींच लिए. उन्होंने फैराडे के सिद्धांतों का उपयोग कर पहला पनबिजली स्टेशन बनाया और वे इस पर बड़ी परियोजना पर काम भी करने लगे, लेकिन निवेशकों ने परियोजना शुरू होने के बाद पीछे हट गए और इसकी वजह से बाद में टेस्ला को दिवालिया होना पड़ा. लेकिन फिर भी उनके नाम पर 307 पेटेंट थे जो उन्हें एक सफल वैज्ञानिक श्रेणी में रखता है.

रेडियो और सूचना तकनीक

रेडियो तकनीक पर टेस्ला के कई आविष्कार के पेटेंट मारकोनी के नाम हुए जिस पर लंबे मुकदमे भी चले जिनमें टेस्ला की मौत के बाद ही उनकी जीत हुई. उन्होंने ही सबसे पहले विचार दिया था कि दुनिया भर में बेतार संचार हो सकता है और उसके लिए उन्होंने काम भी किया. उन्होंने यहां तक कहा था कि एक दुनिया स्मार्टफोन से संचालित होगी. 1901 में ही उन्होंने सूचना क्रांति की बात बता दी थी जो 90 साल बाद सच साबित हुई. उन्होंने यहां तक कहा था कि उन्हें किसी ने मंगल ग्रह से रेडियो संकेत भेजे थे.

टेस्ला अपनी कई आदतों के लिए भी चर्चित रहे थे. उन्हें सफाई का जुनून था. लेकिन इसके साथ ही उन्हें कबूतरों से बहुत लगाव था. एक कबूतरी के मरने पर तो वे कई दिन तक दुखी भी रहे थे. और कबूतरों को हमेशा दाना डाला करते थे. ऑल्टरनेटिंग विद्युत के आविष्कारक के तौर पर मशहूर टेस्ला के बहुत से विचार आविष्कार में नहीं बदल सके थे.


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