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विज्ञान
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहरों का नया रूप, वैज्ञानिकों ने जारी की तस्वीर
Deepa Sahu
5 May 2021 12:40 PM GMT
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भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वैरिएंट B.1.1.7 की पहली तस्वीर सामने आई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: ओटावा. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वैरिएंट B.1.1.7 की पहली तस्वीर सामने आई है. इसमें यह साफ-साफ दिख रहा है कि कैसे कोरोना शरीर की कोशिकाओं से चिपकता है. इस स्ट्रेन की वजह से ही कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर आई. कनाडा के रिसरचर्स ने इस वैरिएंट की पहली मॉलिक्यूलर इमेज जारी की है. पिछले साल दिसंबर के मध्य में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने B.1.1.7 वैरिएंट के बारे में जानकारी दी थी. इसमें असामान्य रूप से बड़ी संख्या में म्यूटेशन हैं.
बी.सी. विश्वविद्यालय ने कहा कि रिसरचर्स SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के एक हिस्से पर पाए गए म्यूटेशन की स्ट्रक्चरल इमेज को प्रकाशित करने वाली टीम है. स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा है जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार है. जबकि म्यूटेशन वह बदलाव है जिसके चलते वायरस तेजी से फैला।
आखिर क्यों इतना संक्रामक है कोरोना का वैरिएंट
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (UBC) ने एक बयान में कहा B.1.1.7 वैरिएंट की तस्वीर से पता चला कि आखिर यह इतना संक्रामक क्यों है? क्यों इसकी वजह से भारत, ब्रिटेन में तबाही मची और अब कनाडा में भी दिक्कतें बढ़ रही हैं. UBC ने कहा कि यह तस्वीरें नियर एटॉमिक रेजोल्यूशन वाली हैं, यानी तस्वीर के रेजोल्यूशन में वायरस के कण भी हैं. UBC के मेडिसिन डिपार्टमेंट में बायोकेमेस्ट्री और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. श्रीराम सुब्रमण्यम की अगुवाई में एक टीम ने कहा कि तस्वीरों में यह देखा जा सकता है कि यह मानव शरीर की कोशिकाओं में बहुत आसानी से प्रवेश कर जाता है.
हाल ही में पीएलओएस बायोलॉजी में प्रकाशित टीम के एनालिसिस से पता चला है कि मौजूदा वैक्सीन्स के जरिए वायरस के म्यूटेशन को खत्म किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि कहा, 'हमें जो तस्वीरें मिली हैं उसमें N501Y म्यूटेशन की पहली स्ट्रक्चरल झलक दिखती है. इससे यह भी पता चलता है कि म्यूटेशन के परिणामस्वरूप होने वाले बदलाव स्थानीय हैं. वास्तव में, N501Y म्यूटेशन B.1.1.7 वैरिएंट में इकलौता म्यूटेशन है जो स्पाइक प्रोटीन के हिस्से पर है.'हाल ही में पीएलओएस बायोलॉजी में प्रकाशित टीम के एनालिसिस से पता चला है कि मौजूदा वैक्सीन्स के जरिए वायरस के म्यूटेशन को खत्म किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि कहा, 'हमें जो तस्वीरें मिली हैं उसमें N501Y म्यूटेशन की पहली स्ट्रक्चरल झलक दिखती है. इससे यह भी पता चलता है कि म्यूटेशन के परिणामस्वरूप होने वाले बदलाव स्थानीय हैं. वास्तव में, N501Y म्यूटेशन B.1.1.7 वैरिएंट में इकलौता म्यूटेशन है जो स्पाइक प्रोटीन के हिस्से पर है.'
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