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इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर ने पूरी की चौथी उड़ान
नासा (NASA) का पर्सिवियरेंस रोवर इस समय मंगल (Mars) के जजीरो क्रेटर की सतह पर अन्वेषण कर रहा है. इसी बीच आकर्षण का केंद्र नासा का इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर (Ingenuity Helecoptor) रहा जिससे बहुत मुश्किल हालातों में अपनी पहली चार उड़ानों में सफलता हासिल कर ली. अब अगले चरण में इस रोटोक्राफ्ट को एक नया मिशन मिला है.
साबित की है अपनी उड़ानें
अपनी पहली चार उड़ानों में इंजेन्युटी ने साबित किया है कि मंगल ग्रह पर नियंत्रित उड़ान संभव है. अब यह अपने अभियान के दूसरे चरण का काम शुरू करने जा रहा है. इंजेन्युटी को अब पर्सिवियरेंस के आगे आगे चलना होगा और उसकी नेविगेशन में मदद करनी होगी जिससे रोवर को मंगल पर जीवन के संकेत खोजने में मदद मिल सके.
पांच में से चार उड़ान
नासा ने अपने ट्वीट में जानकारी दी है कि इंजेन्युटी हाल ही में अपनी पांच नियोजित उड़ानों में से चौथी उड़ान में भी सफलता हासिल कर ली है और हर बार वह पहले से ज्यादा दूर, ऊंचा और तेज उड़ पाया. हालांकि इस चार उड़ानों को पूरा करने में इंजेन्युटी को उम्मीद से कहीं ज्यादा का समय लगा, लेकिन अब नासा को लगता है कि वह अब आगे के कार्य भी कर सकता है.
सूक्ष्मजीवन के संकेत
मंगल ग्रह पर अभी तक अंतरिक्ष यानों और अन्य रोवर की पड़तालों से सतह पर जीवन के किसी भी तरह के संकेत नहीं मिले हैं. लेकिन वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि वहां की सतह के नीचे सूक्ष्मजीवन के हालात आज भले ही ना हों एक समय में जरूर रहे होंगे और उन्हें उनके संकेत मिल सकते हैं. ऐसे में पर्सिवियरेंस रोवर के प्रमुख लक्ष्यों में से एक लक्ष्य मंगल की सतह के नीचे वहां पर पुरातान सूक्ष्मजीवों के संकेतों की खोज करना है.
एक लक्ष्य यह भी है
अब 1.8 किलो के रोटोक्राफ्ट का एक लक्ष्य यह आंकलन करना भी है कि कैसे उड़ने वाले छोटे रोटोक्राफ्ट भविष्य में मंगल और दूसरी दुनिया के अन्वेषण के काम में किस हद तक मददगार हो सकते हैं. नासा का कहना है कि वह हेलीकॉप्टर की ऑपरेशन सपोर्ट क्षमताओं की जानकारी जमा करेगी जबकि पर्सिवियरेंस का ध्यान उसके वैज्ञानिक अभियान पर होगा.
इंजेन्युटी से आशाएं
उल्लेखनीय है कि इंजेन्युटी जिस तरह से टोह लेने का काम कर सकता है एक दिन वह मानव अभियानों के लिए उपयोगी साबित होगा और वह अन्वेषकों के लिए बेहतर रास्ते खोजेगा और उनके इलाकों में जा सकेगा जहां जाना किसी और तरह से संभव नहीं हैं. माना जा रहा है कि यह जमीनी गुफाओं के लिए उपयुक्त है जिसके बारे में अंतरिक्ष यान या रोवर जानकारी हासिल नहीं कर पाते हैं.
आगे कब तक काम करेगा
ऐसा नहीं है कि इंजेन्युटी की पांचवी उड़ान रद्द कर दी गई है. आने वाले दिनों में यह पूरी भी होगी इसके बाद इसके अभियान को पहले मंगल के एक महीने के लिए बढ़ाया जाएगा. यह अभी तय नहीं है कि यह आगे मंगल के बहुत ठंडे हालातों में काम करने लायक बचा रहेगा या नहीं. क्योंकि इसे सौर ऊर्जा वाला हीटर गर्म करके रखता है. इसे केवल एक ही महीने के लिए डिजाइन किया गया था.
नासा ने पहले सोचा था कि पर्सिवियरेंस रोवर इंजेन्युटी को छोड़कर आगे बढ़ जाएगा. जिससे दोनों का एक दूसरे से संपर्क टूटने वाला था. लेकिन अब नासा ने दोनों को साथ रखने का इरादा बना लिया है. इंजेन्युटी रोवर को मंगल की मिट्टी के नमूने जमा करने में भी मदद कर सकता है. पहला नमूना जुलाई में लेने की उम्मीद है.
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