विज्ञान

मंगल की नई खोज बदल देगी ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों की कई धारणाएं

Subhi
8 Dec 2022 5:04 AM GMT
मंगल की नई खोज बदल देगी ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों की कई धारणाएं
x

मंगल ग्रह के बारे में कहा जाता है कि उसके आंतरिक हिस्से (Interiors of Mars) पृथ्वी की तरह सक्रिय नहीं है इसीलिए उसका अपना कोई मैग्नेटिक फील्ड नहीं है. इतना ही नहीं उसके अंदर आंतरिक गतिविधियां भी नहीं होती हैं ऐसा माना जाता रहा है. लेकिन पिछले कई अलग-अलग पड़तालों ने चाहे वह प्रोब के जरिए हो या फिर रोवर के जरिए, वैज्ञानिकों ने पाया भूगर्भीय सक्रियता के संकेत जैसे कि ज्वालामुखी गतिविधि के संकेत (Volcanic Activities on Mars), भूकंपीय गतिविधि (Seismic Activity on Mars), आदि पाए हैं जिसने वैज्ञानिकों को भ्रमित कर रखा था. नए अध्ययन ने मंगल ग्रह की आंतरिक गतिविधियों से पर्दा उठाते हुए नई खोज की है जो इस लाल ग्रह के बारे में कई धारणाएं बदलने का काम कर सकता है.

क्या खोज की है

वैज्ञानिकों ने मंगल के एलिसियम प्लैनिटिया नाम के एक विशाल मैदान के नीचे मेंटल में 4 हजार किलोमीटर चौड़े संवहनीय गुबार की खोज की है जो पिघला हुआ मैग्मा सतह की ओर बहा रहा है. इससे मंगल की हालिया ज्वालामुखी गतिविधियों के रहस्य का खुलासा होता दिख रहा है जिसके कई तरह के प्रमाण कई जरियों के वैज्ञानिकों को पिछले कुछ सालों से दिखते रहे.

कहां है सक्रियता

एरिजोना यूनिवर्सलिटी की ग्रह भूभौतिकविद एडरीन ब्रोक्वेट और जेफरी एंड्रयू हैना ने बताया कि उनके नतीजे दर्शाते हैं कि मंगल आज भी भूगतिकीय तौर पर सक्रिय है और इससे पता चलता है मंगल पर ज्वालामुखी की वजह हेस्पियन ज्वालामुखी प्रांतों औरप थार्सिस में निर्मित मेंटल के गुबार हैं. जो आज के एलिसियम प्लैटीनिया का इतिहास हैं.

निष्क्रिय अंतरिक के संकेत

मंगल ग्रह ने इससे पहले बहुत ही विश्वस्नीय से संकेत दिखाए हैं जिससे लगता रहा है कि वह, दोनों अंदर और बाहर, भूगर्भीय रूप से मृत है. इसकी सतह पुरानी है जिससे लगता है कि वहां की सतह पर ज्वालामुखी और टेक्टोनिक गतिविधि नहीं होती हैं. इसके साथ मैग्नेटिक फील्ड की अनुपस्थिति भी इसी बात का प्रमाण देती है कि मंगल के क्रोड़ में ठोसपन आ गया होगा.

उल्कापिंड और सैटेलाइट की तस्वीरें

लेकिन हालिया अवलोकन इस धारणा को गलत बताते दिख रहे हैं. मंगल से पृथ्वी की ओर गया एक उल्कापिंड बताता है कि वहां मेंटल में संवहन है जो कि करीब 50 करोड़ साल पहले सक्रिय था. इसके अलावा सैटेलाइट की तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि सेर्बेरस फोसे के फिशर सिस्टम पर ज्वालामुखी के सतह निक्षेप 50 हजार साल पुराने हैं.

इंसाइट का भी खुलासा

इसके अलावा मार्स का इनसाइट हीरो, जो कि मार्स के आंतरिक भाग पर निगरानी रखने के लिए भेजे गए इंसाइट लैंडर, जो नवंबर 2018 से निगरानी कर रहा है, ने खुलासा किया है कि मंगल ग्रह पर ज्वालामुखी गतिविधियों के साथ पर्याप्त रूप से भूकंपीय गतिविधियां चल रही हैं. इसके अलावा कई असामान्य अन्य अवलोकन भी पाए गए हैं. एलिसियम प्लैटीनिया में स्थानीय गुरुत्व क्षेत्र देखने को मिलता है, जो बहुत ही असामान्य रूप से शक्तिशाली है.

आंकड़ों के अनुकूल प्रतिमान

शोधकर्ताओं ने भूआकृति, गुरुत्व, भौगोलिक और भूकंपीय आंकड़ों को जमा किया और एक ऐसा प्रतिमान बनाया जिसमें ये आंकड़े सटीक बैठ सकें. उनके विश्लेषण के अनुसार मेंटल गुबार ही सभी कार्यों के पीछे है. कई क्षेत्रों में गर्म आंतरिक पदार्थ क्रोड़ मेंटलसीमा से ऊपर की ओर धकेला जा रहा है जिससे मैग्मा ऊपर आकर पर्पटी पर हॉटस्पॉट और सतही ज्वालामुकी गतिविधि देखने को मिल रहे हैं.


Next Story