विज्ञान

किडनी को लेकर नई और चौंकाने वाली जानकारी

jantaserishta.com
22 May 2022 10:01 AM GMT
किडनी को लेकर नई और चौंकाने वाली जानकारी
x

न्यूयॉर्क: कल इस समय तक आपके शरीर के खून का हर बूंद आपकी किडनियों से दर्जनों बार गुजर चुका होगा. हर बार गुजरने के साथ खून से गंदगी अलग हो जाती है. पानी निकल जाता है. पेशाब बनकर बाहर निकल जाता है. लेकिन साफ खून वापस शरीर में सर्कुलेट होता रहता है. ये किडनी के काम की पुरानी धारणा है. ये सही भी है. लेकिन अब पता चला है कि किडनी दिल की तरह काम करता है.

जॉन्स हॉपकिंस के मैकेनिकल इंजीनियर सॉन सन की नई स्टडी के मुताबिक दिल की हर धड़कन के साथ खून पूरी ताकत से किडनी तक आता है. किडनी उतनी ताकत से उसे फिल्टर करके वापस शरीर में फेंकती है. लेकिन ये सैद्धांतिक रूप से गलत है. किडनी की कोशिकाएं (Cells) खून को पंप करती है. फिल्टर नहीं करती. वो खून को रीसर्कुलेट करने के लिए बहुत ताकत पैदा करती हैं.
इस बात को कोई आसानी से नहीं मानेगा. क्योंकि 17वीं सदी से लोग यही जानते हैं कि किडनी खून को साफ करके उसमें से पेशाब निकालती है. किडनी बड़े पैमाने पर ऑस्मोसिस (Osmosis) करके ये काम करती है. इसमें वह शरीर के नमक, कचरे और पानी का संतुलन बनाने का प्रयास करती है. किडनी का ये काम पांच-छह सदियों से जनता और डॉक्टरों को पता है. यह स्टडी हाल ही में नेचर कम्यूनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई है.
हर एक किडनी में कई किलोमीटर लंबी पतलनी नलियां होती है. यह किसी घर में मौजूद नालियों और पानी की पाइपों की तरह जटिल होती हैं. स्टडीज में इस बात का खुलासा हुआ है कि किडनी की कोशिकाएं खून में आने वाली हाइड्रोस्टेटिक दबाव को समझ लेती है. उसके बाद वो उस हिसाब से काम करती हैं. ये अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये कोशिकाएं कैसे इतना बदलाव लेकर आती हैं.
वैज्ञानिकों के लिए यह पता करना बेहद मुश्किल था कि किडनी की इतनी बारीक नलियों के अंदर खून का बहाव कैसे होता है. एक ऐसे प्रयोग की जरूरत थी, जिसमें यह पता चलता कि इन नलियों में हाइड्रोलिक्स सिस्टम कैसे काम करता है. क्योंकि यह प्रकृति की बेहद जटिल टेक्नोलॉजी है. अब यहां पर सॉन सन और उनके साथियों ने नया तरीका खोजा.
इन लोगों ने माइक्रो-फ्लूडिक किडनी पंप (MFKP) तकनीक तैयार की. यह एकदम किडनी की तरह काम करती है. तकनीक की जांच जरूरी इसलिए थी ताकि वो किडनी के पैटर्न ब्लॉक्स और छेद वाली दीवारों को समझ सकें. यही कोशिकाएं खून का साफ करने और उन्हें पंप करने का काम करती हैं. इन लोगों ने एक सीरिंज से इस तकनीक के अंदर लिक्विड डाला. सन और उनकी टीम ने देखा कि ज्यादा हाइड्रोलिक प्रेशर होने पर कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं या फिर कम कर देती हैं. यह काम को आगे बढ़ा देती हैं. जैसे कोई आलसी इंसान करता है. यहीं पर वैज्ञानिकों को लगा किडनी की कोशिकाएं पंप की तरह काम करती हैं.
Next Story