विज्ञान

मंगल ग्रह पर बस कुछ ही देर में उतरेगा NASA का Perseverance रोवर...देखिए लैंडिंग पर अहम खबर

Deepa Sahu
18 Feb 2021 5:52 PM GMT
मंगल ग्रह पर बस कुछ ही देर में उतरेगा NASA का Perseverance रोवर...देखिए लैंडिंग पर अहम खबर
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का Perseverance रोवर धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वॉशिंगटन : अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का Perseverance रोवर धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने बाद अब से बस कुछ ही समय में मंगल ग्रह पर लैंडिंग करने जा रहा है। नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्सन लेबरोटरी में पर्सविरन्स को लाल ग्रह की सतह पर उतारने को लेकर हलचल तेज है। छह पहिए वाला यह रोवर मंगल की सतह पर जीवन की संभावनाओं की तलाश करेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है।

जीवन की संभावनाएं तलाशेगा रोवर
इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा कि क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?पर्सविरन्स नासा का भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है। नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि रोवर को मंगल की सतह पर उतारने के दौरान सात मिनट का समय सांसें थमा देने वाला होगा। यदि सब कुछ ठीक रहा तो यह आज देर रात मंगल की सतह पर उतर जाएगा।
आखिरी सात मिनट पर टिका है पूरा मिशन
आखिरी के 7 मिनट जो इस मिशन की सफलता को तय करेंगे। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर लैंडिंग होगी कैसे।सबसे पहले Perseverance को लेकर गया स्पेसक्राफ्ट एंट्री कैप्सूल से अलग होगा। इसके 10 मिनट बाद स्पेसक्राफ्ट मंगल के वायुमंडल को 12 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से छुएगा। वायुमंडल से संपर्क पर होने वाले घर्षण (Friction) से स्पेसक्राफ्ट के निचले हिस्से का तापमान करीब 1300 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा।
कुछ इस तरह उतरेगा Perseverance
इसके तीन मिनट बाद स्पेसक्राफ्ट सुपरसोनिक स्पीड पर अपना पैराशूट रिलीज करेगा। हालांकि, यह समय इस बात पर निर्भर करेगा कि स्पेसक्राफ्ट कहां और कितने देर में लैंड करेगा। पैराशूट निकलने के 20 सेकंड बाद एंट्री कैप्सूल का प्रोटेक्टिव कैप्सूल डिटैच हो जाएगा। इससे रोवर रेडार की मदद से यह समझ पाएगा कि जमीन से कितनी दूरी रह गई है। यहां पर एक खास Terrain Relative Navigation टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे लैंडिंग के लिए सुरक्षित स्थान तय हो सकेगा।
कहां है चुनौती?
एंट्री कैप्सूल का आधा हिस्सा रोवर और उसके जेटपैक से अलग हो जाएगा। जेटपैक रेट्रोरॉकेट की मदद से स्पीड कम करेगा और लैंडिंग साइट की ओर उड़ेगा। लैंड करने के लिए Jezero Crater को चुना गया है। NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के प्रिंसिपल रोबॉटिक्स सिस्टम्स इंजिनियर ऐंड्र जॉनसन के मुताबिक जेजरो 28 मील चौड़ा है लेकिन इसके बीच पगाड़, चट्टानी मैदान, रेत के पहाड़ और गड्ढे की दीवारें भी हैं। अगर इनमें से किसी से भी लैंडर टकराया तो पूरा मिशन फेल हो सकता है।
कैसे होगी लैंडिंग?
स्काई क्रेन मनूवर के जरिए नाइलॉन टीदर्स की मदद से रोवर को लैंड कराने की कोशिश की जाएगी। माना जा रहा है कि 1.7 मील प्रति घंटा की रफ्तार से रोवर को लैंड कराया जाएगा। Perseverance टेरेन रेलेटिव नैविगेशन (TRN) के इस्तेमाल से लैंडिंग करेगा। इसमें एक मैप होता है और एक नैविगेशन कैमरा। कैमरे से मिल रहे नजारे की मैप से तुलना की जाती है। इससे इन रुकावटों से बचते हुए लैंडिंग कराई जाती है। NASA ने इसकी मदद से ऐस्टरॉइड Bennu पर OSIRIS-REx लैंड कराया था।


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