विज्ञान

NASA की महाशक्तिशाली Roman Telescope करेगी अंतरिक्ष में ग्रहों की खोज

Gulabi
10 May 2021 2:14 PM GMT
NASA की महाशक्तिशाली Roman Telescope करेगी अंतरिक्ष में ग्रहों की खोज
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NASA की महाशक्तिशाली Roman Telescope

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA कई अडवांस्ड जेनरेशन के टेलिस्कोप्स पर काम कर रही है जिसमें से एक है महाविशाल रोमन स्पेस टेलिस्कोप। ऐस्ट्रोनॉमर्स को उम्मीद है कि यह हजारों नई दुनिया की खोज कर सकेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह अगले साल के मध्य तक लॉन्च हो जाएगा और कई सुपर-अर्थ (Super Earth) खोजी जा सकेंगी। माना जाता है कि सुपर अर्थ धरती से ज्यादा विशाल और द्रव्यमान वाले होते हैं। इनके अलावा 'छोटे-वरुण' जैसे ग्रह भी होते हैं जो धरती से 4-8 गुना छोटे होते हैं। रोमन को नैंसी ग्रेस रोमन का नाम दिया गया है। नैंसी को Hubble Space telescope की मां कहा जाता है।

अंतरिक्ष में ग्रहों की खोज
ये महाशक्तिशाली टेलिस्कोप ऐसे विशाल ग्रहों को भी खोज सकते हैं जो गैस से बने होते हैं। ये बृहस्पति और शनि की तरह होते हैं और बर्फीले अरुण ग्रह की तरह भी। नए टेलिस्कोप माइक्रोलेंसिंग की मदद से नए ग्रहों को खोजेंगे। ये महाविशाल ऑब्जेक्ट्स का रोशनी पर असर मॉनिटर करते हैं। इस तकनीक की मदद से ऐस्ट्रोनॉमर्स यह समझ सकते है कि ये ग्रह किसी सितारे का अंतरिक्ष में चक्कर काट रहे हैं या नहीं।

कैसे खोजे जाते हैं ग्रह?
रोमन टेलिस्कोप पारंपरिक ट्रांजिट तरीके का इस्तेमाल भी करेगा। जब कोई ग्रह सितारे और ऑब्जर्वर के बीच से निकलता है, तब यह तकनीक काम आती है। NASA के मुताबिक, 'ट्रांजिट से पता चलता है कि कोई एग्जोप्लैनेट किसी सितारे के सामने से निकल रहा है जिससे उसकी रोशनी कम हो जाती है। इस ग्रह को सीधे देखा नहीं जा सकता।' यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स के लेक्चरर बेन मॉन्टे का कहना है कि माइक्रोलेंसिंग इवेंट दुर्लभ होते हैं और तेजी से होते हैं। इसके लिए बहुत सारे सितारों को बार-बार देखना पड़ता है और उनकी चमक को नापना होता है, ताकि डिटेक्ट किया जा सके।

किन ग्रहों की तलाश?

माइक्रोलेंसिंग की मदद से ऐसे ग्रहों को भी ऑब्जर्व किया जा सकेगा जो किसी सितारे का चक्कर नहीं काटते और स्पेस में यूं ही घूमते हैं। खोजे गए ग्रहों में से कुछ ऐसे क्षेत्र में आते हैं जहां जीवन मुमकिन हो सकता है। जहां न बहुत ज्यादा गर्मी हो, ना बहुत ज्यादा सर्दी। रोमन 26 हजार प्रकाशवर्ष दूर ग्रहों को भी देख सकेगा। केप्लर स्पेस टेलिस्कोप दो हजार प्रकाशवर्ष दूर तक देख सकता है जिसका मिशन अब खत्म हो चुका है।
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