विज्ञान

NASA के जेम्स टेलीस्कोप ने पास किया अहम टेस्ट, पढ़ें पूरी खबर

Gulabi
12 May 2021 11:36 AM GMT
NASA के जेम्स टेलीस्कोप ने पास किया अहम टेस्ट, पढ़ें पूरी खबर
x
अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) करने वाले वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए एक अच्छी खबर है

अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) करने वाले वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए एक अच्छी खबर है. दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष टेलीस्कोप ने खास प्रक्षेपण पूर्व टेस्ट पास कर लिया है. हाल ही में नासा (NASA) के इस जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) उसके विशाल सोने के आइने को पृथ्वी पर आखिरी बार समेट कर बंद कर दिया गया है. इससे उसके प्रक्षेपण का रास्ता साफ हो गया है


करीब 10 अरब डॉलर की जेस्म वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) वेधशाला की स्थापना की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे इस साल के अंत में कई बार टल चुके इसके प्रक्षेपण (Launch) की संभावना बढ़ गई है. वेब टेलीस्कोप एक 6.5 मीटर बड़े आइने (Giant mirror of Telescope) को पूरी तरह से फैलने का आदेश दिया गया जिसके बाद उसे फिर से अपनी जगह पर सिमटकर खुद को लॉक करने के कहा गया जिसमें वह सफल रहा

यह वेब टेलीस्कोप (JWST) की 16 लाख किलोमीटर की यात्रा के लिए अंतिम परीक्षण था. अब यह ब्रह्माण्ड (Universe) की उत्पत्ति जैसे कई सवालों के जवाब खोजने के लिए तैयार है. इस टेलीस्कोप (Telescope) को तैयार करने वाली नॉर्थरोप ग्रूमैन के स्कॉट विलोबी ने बताया कि यह एक 50 फुट लंबी स्विच घड़ी बनाने जैसे है जिसे तैयार करने के लिए हमने उसे निर्वात में -240 डिग्री सेल्सियम के तापमान में रखा जिसे चंद्रमा से चार गुना ज्यादा दूरी पर स्थापित होना है.

विलोबी कैलिफोर्निया में कंपनी के रोडोनो बीच स्थित स्पेस पोर्ट पर बोल रहे थे जहां से इस टेलीस्कोप (JWST) को प्रक्षेपित करने के लिए फ्रेंच गुयाना ले जाया जाएगा. यहां पर टेलीस्कोप को एरिएन 5 रॉकेट के जरिए 31 अक्टूबर को प्रक्षेपित किया जाएगा. वेब का प्रमुख आइना (Mirror of the Telescope) 18 षणकोणीय टुकड़ों से बना है जिस सोने की बहुत ही पतली परत चढ़ी है जिससे उसका अवरक्त प्रकाश का प्रतिवर्तन (Infrared light) बेहतर हो सकेगा.

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का आइना एक ओरीगामी आर्टवर्क के टुकड़े की तरह बंद होकर एक 5 मीटर रॉकेट के अंदर रहकर अंतरिक्ष में उड़ान भरेगा. इसके बाद यह 132 संचालक और मोटर का उपयोग कर आइने के हर हिस्से को उसकी स्थिति में ला देगा. ये सभी आइने मिलकर एक बड़े आइने (Mirror of Telescoe) की तरह परावर्तक का काम करेंगे जिससे टेलीस्कोप (Telescope) अभी तक की पहुंच से और गहरे अंतरिक्ष की पड़ताल कर सकेगा

वैज्ञानिक इस टेलीस्कोप (Telescope) का उपयोग 13.5 अरब साल पहले के समय की घटनाओं को देखने लिए करना चाहते हैं जब पहली बार तारों और गैलेक्सी का निर्माण हुआ था.यह समय बिगबैंग (BigBang) की घटना के कुछ करोड़ साल बाद ही हुआ था. इसके लिए वैज्ञानिकों को एक शक्तिशाली अवरक्त टेलीस्कोप की जरूरत थी जो सुदूर ब्रह्माण्ड (Universe) से आने वाली अवरक्त विकिरणों की पहचान कर सके. फिलहाल हबल टेलीस्कोप के पास अवरक्त विकरण को पहचानने की केवल सीमित क्षमता है.

इसके अलावा वेब टेलीस्कोप (JWST) उन बाह्यग्रहों (Exoplanets) को खोजने में भी मददगार होगा जिनमें जीवन की अनुकूलता की संभावना है . अभी तक 4000 से ज्यादा बाह्यग्रह खोजे जा चुके हैं, लेकिन उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है. वेब टेलीस्कोप इस कमी को पूरा कर सकता है, दुनिया भर के 44 देशों के वैज्ञानिक इस टेलीस्कोप का उपयोग कर सकेंगे. जिससे वे उन ब्लैकहोल (Black Hole) का भी अध्ययन कर पाएंगे जो गैलेक्सी के केंद्र में रहते हैं


Next Story