विज्ञान

गुरु के आकार का ग्रह खा रहा है तारे की सामग्री को नासा के हबल ने पकड़ा

Gulabi
1 May 2021 12:38 PM GMT
गुरु के आकार का ग्रह खा रहा है तारे की सामग्री को नासा के हबल ने पकड़ा
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नासा के हबल ने पकड़ा

नासा (NASA) के हबल टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) ने हाल ही में एक युवा तारे के नवनिर्मित होते ग्रह की शानदार तस्वीरें भेजी हैं. गुरु ग्रह के आकारे के इस बाह्यग्रह (Exoplanet) की तस्वीरें हबल बताती हैं कि इस ग्रह का पूरी तरह से निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है और यह अपने तारे के आसपास की सामग्री को अब भी निगल रहा है.




ग्रह के आसपास का माहौल


इस बाह्यग्रह का नाम PDS70b दिया गया है और पृथ्वी से 370 प्रकाश वर्ष दूर सेंटॉरस तारामंडल में स्थित है. यह अपने नारंगी तारे PDS70 का चक्कर लगा रहा है. नासा ने अपने बयान में कहा है कि इस छोटे से बाह्यग्रह में सक्रिय रूप बन रहे दो ग्रह तारे के पास गैस और धूल की विशाल डिस्क में मौजूद हैं.

कैसे पता लगाया हबल ने इसके बारे में
नासा के हबल ने पराबैंगनी संवेदनशीलता का उपयोग किया जिससे शोधकर्ताओं को ग्रह पर गिर रही बहुत ही गर्म विकिरण की झलक देखने को मिली जो कि ग्रह पर बहुत ही गर्म गैस गिरने से निकल रहा था. इससे वे ग्रह के भार की वृद्धि का पहली बार सीधे मापन कर सके. हबल के वैज्ञानिकों ने बताया कि पीडीएस की खुद की एक गैस और धूल की डिस्क है जो बड़ी डिस्क से पदार्थ को निगल रही है.

50 लाख सालों से

वैज्ञानिकों ने पाया कि इस ग्रह से निकलने वाली मैग्नेटिक फील्ड रेखाएं उसकी डिस्क से बाह्यग्रह के वायुमंडल से होते हुए जाती हैं और ग्रह की सतह पर जाता हुआ पदार्थ उन्हें दर्शाता है. PDS 70b पासके युवा तारे से पदार्थ खींच रहा है और लाखों सालों से ऐसा कर रहा है. इस ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया 50 लाख साल पहले शुरू हुई थी.

हबल के उपयोग के नए तरीके

शोधकर्ताओं ने बताया कि हबल को प्रक्षेपित किए 31 साल हो गए हैं और वे अब भी हबल के उपयोग के नए तरीके खोज रहे हैं. यह नए अवलोकन नीति और प्रक्रिया के बाद की तकनीक इस तरह के अध्ययन के लिए नए आयाम खोलेगी. इससे इस सिस्टम और इसके जैसे दूसरे सिस्टम को समझने का मौका मिलेगा. भविष्य के अवलोकन हमें यह खोजने में मदद करेंगे किइस तरह से गैस किसी ग्रह पर कब गिरती है और उनकी दर क्या होती है.

हबल का देखा गया सबसे छोटा ग्रह
शोधकर्ताओं को यह सिस्टम इतना रोचक लगा क्योंकि वे ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया के गवाह बन सके. यह गुरु के आकार का नारंगी तारे का चक्कर लगाने वाला ग्रह अब भी बन ही रहा है. इसके अलावा यह ऐसे सबसे छोटा ग्रह है जिसकी हबल ने सीधी तस्वीर ली है. हबल के अवलोकन से शोधकर्ता यह अनुमान लगा सके कि ग्रह का भार कितनी तेजी से बढ़ रहा है.

नासा के मुताबिक बाह्यग्रह की वर्तमान एक्रीशनदर ऐसी जगह पर पहंच गई है किअलग यह दर अगले दस लाख साल तक कायमरही तो यह ग्रह हमारे गुरु ग्रह के भार का एक हजारवां हिस्सा अतिरिक्त जोड़ लेगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके मापन बताते हैं क यह ग्रह अपने निर्माण प्रक्रिया के अंतिम चरण हैं. इससे हमारे वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कैसे हमारे सूर्य के पास विशाल गैसे के ग्रहों का निर्माण 4.6 अरब साल पहले हुआ था.
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