विज्ञान

NASA का ऐतिहासिक मिशन...पहली बार किसी Asteroid से लाएगी नमूने, जीवन कैसे हुआ शुरू करेगी पता

Kunti Dhruw
2 Oct 2020 9:14 AM GMT
NASA का ऐतिहासिक मिशन...पहली बार किसी Asteroid से लाएगी नमूने, जीवन कैसे हुआ शुरू करेगी पता
x
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA (नासा) का रोबोटिक अंतरिक्ष यान OSIRIS-REx (ओसिरिस-रेक्स) 20 अक्तूबर को पहली बार किसी ऐस्टरॉयड से नमूने इकट्ठा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA (नासा) का रोबोटिक अंतरिक्ष यान OSIRIS-REx (ओसिरिस-रेक्स) 20 अक्तूबर को पहली बार किसी ऐस्टरॉयड से नमूने इकट्ठा करने वाला है। चार साल की यात्रा के बाद यह 20 अक्तूबर को क्षुद्रग्रह (ऐस्टरॉइड) Bennu (बेन्नू) के बोल्डर-धूसर सतह पर उतरेगा, चट्टान और धूल के नमूनों को इकट्ठा करने के लिए कुछ सेकंड के लिए स्तह को नीचे छूएगा।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह मिशन हमारी समझ को गहरा बनाने में मदद करेगा कि ग्रह कैसे बनते हैं और जीवन कैसे शुरू हुआ और क्षुद्रग्रहों पर नई अंतर्दृष्टि देगा जो पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है।

ओसिरिस-रेक्स के डिप्टी प्रोजेक्ट प्रबंधक माइक मोरो ने कहा, "इस टीम की वर्षों की योजना और कड़ी मेहनत का नतीजा है कि TAGSAM (टच-एंड-गो सैंपल एक्विजिशन मैकेनिज्म) सिर्फ पांच से 10 सेकंड के लिए सतह के संपर्क में लाने के लिए नीचे आ रही है।"

अंतरिक्ष यान के रोबोटिक आर्म के नमूने को इकट्ठा करने के प्रयास के लिए नासा ने नाइटिंगेल नामक एक चट्टानी क्षेत्र 52 फीट (16 मीटर) व्यास को चुना है, क्योंकि इसमें सबसे बड़ी मात्रा में अबाधित महीन दानेदार सामग्री है।

ओसिरिस-रेक्स दो साल से बेन्नू के चक्कर काट रहा है और स्पेस रॉक्स की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। अब यह नाइटिंगेल नाम के क्रेटर पर स्पाइरल करते हुए उतरेगा। यहां इसके उतरने के लिए सिर्फ 8 मीटर चौड़ा एक क्षेत्र है जहां इसे लैंडिंग करनी है। यही अपने आप में एक बड़ा काम होगा।

अंतरिक्ष यान एक विशाल वैन के साइज का है। इसे कुछ पार्किंग स्थलों के आकार के बराबर के एक क्षेत्र में नीचे उतर कर छूने की आवश्यकता होगी। इसके आस पास छोटी इमारतों जैसे चट्टान हैं, जिससे इसे बचने की जरूरत होगी। बता दें कि ओसिरिस-रेक्स को यह काम अपने आप ही करना होगा। वहां से धरती के बीच सिग्नल आने-जाने में 18 मिनट का गैप होता है। इसलिए रियल टाइम में उसे पार्क करना वैज्ञानिकों के लिए मुमकिन नहीं होगा।

क्रेटर की धूल नाइट्रोजन गैस के ब्लास्ट से उड़ेगी और सैंपलिंग हेड में इकट्ठा हो जाएगी। वैज्ञानिकों को कम से कम 60 ग्राम सैंपल चाहिए। अगर यहां इतनी धूल नहीं मिली तो 30 अक्टूबर को फैसला किया जाएगा कि आगे क्या करना है। दूसरी कोशिश बैकअप साइट Osprey पर जनवरी 2021 के बाद ही की जा सकेगी।

अगर सब कुछ वैज्ञानिकों की योजना के मुताबिक हुआ तो ओसिरिस-रेक्स क्षुद्रग्रह बेन्नू से मार्च 2021 को धरती के लिए उड़ान भरेगा और 24 सितंबर, 2023 को यूटा के रेगिस्तान में उतरेगा। नासा के अधिकारी क्षुद्रग्रह को 'टाइम कैप्सूल' मानते हैं, क्योंकि वह ग्रहों के साथ ही बची हुई सामग्री से बने थे।

Next Story