विज्ञान

NASA भेजेगा भारतीय-अमेरिकी राजा चारी को इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन, होंगे मिशन कमांडर

Deepa Sahu
16 Dec 2020 3:36 PM GMT
NASA भेजेगा भारतीय-अमेरिकी राजा चारी को इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन, होंगे मिशन कमांडर
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अमेरिकी वायुसेना के भारतीय-अमेरिकी कर्नल राजा चारी को NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : वॉशिंगटन: अमेरिकी वायुसेना के भारतीय-अमेरिकी कर्नल राजा चारी को NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजे जाने वाले 'SpaceX Crew-3' अभियान का कमांडर चुना गया है। चारी के परिवार का ताल्लुक हैदराबाद से रहा है। इस अभियान में चारी (43) कमांडर के तौर पर सेवा देंगे, जबकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के टॉम मार्शबर्न पायलट होंगे और ESA के मैथियस मॉरर ISS भेजे जाने वाले 'SpaceX Crew-3' मिशन के लिए अभियान विशेषज्ञ के तौर पर सेवा देंगे।

'उत्साहित और गौरवान्वित'
'SpaceX Crew-3' को अगले साल लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। NASA के एक बयान में सोमवार को कहा गया कि चालक दल (क्रू) के चौथे सदस्य को बाद में शामिल किया जाएगा। NASA और इसके अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की समीक्षा के बाद ऐसा किया जाएगा। चारी ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, 'अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा की तैयारियों के लिए अंतरिक्ष यात्री मैथियस और मार्शबर्न के साथ प्रशिक्षण लेने को लेकर उत्साहित हूं और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।'


पहली अंतरिक्ष उड़ान
NASA ने कहा कि चारी के लिए यह पहली अंतरिक्ष उड़ान होगी, जो 2017 में NASA के अंतरिक्ष यात्री बने हैं। उनका जन्म मिलवाकी में हुआ था लेकिन वह आयोवा के सेडार फाल्स को अपना गृह नगर मानते हैं। NASA ने बयान में कहा है कि वह अमेरिकी वायुसेना में कर्नल हैं और परीक्षण पायलट के व्यापक अनुभव के साथ अभियान में शामिल हुए हैं। उन्होंने अपने करियर में 2,500 से अधिक घंटे तक उड़ान भरी है।
NASA ने तैयार की चांद के लिए अपनी टीम, भारतीय-अमेरिकी राजाचारी भी शामिल
उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने इस टीम का बुधवार को ऐलान किया। राजाचारी के पिता हैदराबाद से शिफ्ट हुए थे। ऐस्ट्रोनॉट कॉर्प्स में साल 2017 में शामिल हुए थे। अमेरिका की एयरफोर्स में कर्नल राजाचारी को ऐस्ट्रोनॉटिकल इंजिनियरिंग में बैचलर की डिग्री और ऐरोनॉटिक्स और ऐस्ट्रोनॉटिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल की। अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल ग्रैजुएट ने NASA में आने से पहले F-15E अपग्रेड और फिर F-35 डिवेलपमेंट प्रोग्राम में काम किया।
इस टीम के ऐस्ट्रोनॉट्स NASA को चांद के मिशन के लिए तैयार करेंगे। अगले साल से इसे लेकर तैयारियां की जाएंगी। एजेंसी के कमर्शल पार्टनर के साथ मिलकर ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम पर काम किया जा रहा है। इस टीम में से ऐस्ट्रोनॉट्स का चुनाव किया जाएगा जो चांद पर भेजे जाएंगे। ऐस्ट्रोनॉट्स के लिए फ्लाइट असाइनमेंट्स का ऐलान बाद में किया जाएगा।
अभी इस टीम के लिए इंटरनैशनल ऐस्ट्रोनॉट्स का चयन बाद में किया जाएगा और फिर वे इसमें शामिल होंगे। NASA के ऐडमिनिस्ट्रेटर जिम बाइडेनस्टीन का कहना है, 'हम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के समर्थन के लिए आभारी हैं। साथ ही NASA के साइंस, ऐरोनॉटिक्स रिसर्च, टेक्नॉलजी डिवेलपमेंट और ह्यूमन एक्सप्लोरेशन गोल के समर्थन के।' चीफ ऐस्ट्रोनॉट पैट फॉरेस्टर ने कहा, 'चांद पर वापसी से पहले हमारे पास बहुत से काम हैं और पूरी ऐस्ट्रोनॉट कॉर्प्स की इसमें मेहनत लगेगी।'
चांद पर जाने की तैयारी
चारी को इस महीने की शुरूआत में 'Artemis टीम' का सदस्य चुना गया था और वह अब भविष्य के एक चंद्र अभियान पर जाने के लिए योग्य हैं। चारी के पिता श्रीनिवास चारी इंजिनियरिंग की पढ़ाई के लिए युवावस्था में हैदराबाद से अमेरिका आए थे। चारी, मार्शबर्न और मॉरर जब ऑर्बिटिंग लैबोरैट्री में पहुंचेंगे, तब वे अगले छह महीने के पड़ाव के लिए अभियान क्रू सदस्य बन जाएंगे।
NASA-SpaceX के बीच डील
NASA के मुताबिक क्रू-1 के अंतरिक्षयात्री अभी ISS में हैं और क्रू-2 के अंतरिक्षयात्रियों के भी जल्द ही अभियान पर रवाना होने की उम्मीद है। इससे ISS में अंतरिक्षयात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी और वहां के अनूठे वातावरण में विज्ञान प्रयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी। स्पेसएक्स के मानव अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली का चक्रीय आधार यह तीसरा चालक दल (क्रू) अभियान है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य अमेरिकी एयरोस्पेस उद्योग के साथ साझेदारी के तहत ISS तक अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती तरीके से पहुंचाना है। NASA का स्पेसएक्स के साथ कुल छह क्रू मिशन के लिए अनुबंध है।


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