विज्ञान

NASA : कई गुना खूबसूरत है मंगल ग्रह का सनराइज, देखें तस्वीर

Gulabi Jagat
18 April 2022 11:51 AM GMT
NASA : कई गुना खूबसूरत है मंगल ग्रह का सनराइज, देखें तस्वीर
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NASA का न्यूज
नासा के इनसाइट मार्स लैंडर (InSight Mars lander) ने हाल ही में बहुत अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं। 10 अप्रैल को लैंडर ने मंगल ग्रह पर उगते सूरज यानी सनराइज का दृश्य अपने कैमरे में कैद किया। यह नजारा इतना खूबसूरत है कि नजरें हट न पाएं। InSight नासा का पहला ऐसा मिशन है जिसके जरिए वह इस लाल ग्रह की भीतरी स्टडी करेगा, जिसमें ग्रह की तीनों परतों, क्रस्ट (Crust), मेंटल (Mantle) और कोर (Core) शामिल हैं। InSight लैंडर 2018 से ग्रह का अध्य्यन कर रहा है।
इंटिरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिज्मिक इनवेस्टिगेशंस, जियोड्से एंड हीट ट्रांसपोर्ट (InSight) एक स्टेशनरी मार्स लैंडर है। यह मंगल पर भूकंपों और ग्रह के भीतरी हिस्से का अध्य्यन करता है। नवम्बर 2018 में यह मंगल के Elysium Planitia क्षेत्र में उतरा था। इसने मंगल का एक साल का प्राइमरी मिशन पूरा कर लिया है जो धरती पर 687 दिनों के बराबर है। अब इसके पास अतिरिक्त समय बचा है जिसमें यह लाल ग्रह की फोटो कलेक्ट कर रहा है। इन्हीं में से एक नजारा इसने वहां से सूर्योदय का भेजा है, जो बहुत अद्भुत है।
NASA ने कहा कि InSight ने अपने मिशन के दौरान सैकड़ों मंगल भूकंपों को मापा है। इसने इस लाल ग्रह की चुम्बकिय तरंगों को भी स्टडी किया है और वहां के सनराइज के खूबसूरत नजारे भी कैप्चर किए हैं।
नासा ने कहा, "इनसाइट ने जो स्टडी की है उससे हम जान पा रहे हैं कि मंगल का शुरुआती निर्माण कैसे हुआ होगा। इससे हम इस लाल ग्रह के पैटर्न को समझ पा रहे हैं, ताकि भविष्य में जब इन्सानों को यहां खोज करने भेजेंगे तो उनको यहां के वातावरण की समझ पहले से हो।"
इनसाइट के अलावा भी नासा अपने पर्सेवरेंस रोवर और इसके पार्टनर इनजेन्यूटि हेलीकॉप्टर के माध्यम से मंगल ग्रह का अध्य्यन कर रही है। रोवर वहां की चट्टानों के नमूने इकट्ठा कर रहा है ताकि उनको वापस आते समय धरती पर लाया जा सके। यह कवायद इसलिए की जा रही है कि पता लगाया जा सके, कि प्राचीन समय में वहां पर कोई जीवन या जीवाणु भी थे या नहीं। ताकि, पता चल सके कि वहां का वातावरण भी मानव जीवन के अनुकूल हो सकता है, जैसा कि धरती पर है।
Perseverance और Ingenuity मंगल के Jezero Crater पर खोज कर रहे हैं। यह एक सूखी हुई झील है, जिससे सबूत मिलने की संभावना है कि कभी यहां पर भी जीवन रहा होगा या नहीं।
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