विज्ञान

नासा ने शेयर की मंगल के नीले टीलों की तस्वीर, दिखा अद्भुत नज़ारा

Gulabi
11 April 2021 8:46 AM GMT
नासा ने शेयर की मंगल के नीले टीलों की तस्वीर, दिखा अद्भुत नज़ारा
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आजकल मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है

आजकल मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है। यही कारण है कि दुनिया का हर देश तेजी से इस लाल ग्रह पर पहुंचना चाहता है। इस बीच गुरुवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेसीं नासा ने मंगल ग्रह की एक ऐसी खूबसूरत तस्वीर जारी की है, जिसे देखकर लोग इसके बारे में और भी ज्यादा जानना चाहेंगे। दरअसल, यह तस्वीर मंगल ग्रह के ब्लू डूम्स यानी नीले रंग के दिखने वाले टीलों की है।

नासा की यह तस्वीर हुई वायरल
नासा ने इस फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया कि "Blue Dunes on the Red Planet" यानी लाल ग्रह पर नीले टीले। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर खासा पसंद किया जा रहा है। नासा ने बताया कि इस तस्वीर को मंगल के उत्तरी ध्रुव से लिया गया है। जिसे इस लाल ग्रह पर चलने वाली तेज हवाओं ने बनाया है। मंगल ग्रह पर यह इलाका करीब 30 किलोमीटर में फैला है।
नीले दिखने की यह है वजह
इस विशेष तस्वीर को नासा के मार्स ओडिसी ऑर्बिटर के इंफ्रारेड कैमरे से खींचा गया है। ऑर्बिटर में तैनात इस कैमरे को थर्मल एमिशन इमेजिंग सिस्टम (THEMIS) कहा जाता है। नासा ने बताया कि इस तस्वीर में दिख रहे अलग-अलग रंग दरअसल लाल ग्रह के सतह पर अलग-अलग तापमान को प्रदर्शित कर रहे हैं। इस तस्वीर में दिख रहा पीला या नारंगी रंग ज्यादा तापमान को दर्शा रहा है, जबकि नीला रंग ठंडे तापमान को बताता है।
मंगल का तापमान माप रहा है ओडिसी
नासा ने बताया कि मार्स ओडिसी ऑर्बिटर का THEMIS सिस्टम दिन और रात दोनों समय मंगल के तापमान को मापता रहता है। इससे वैज्ञानिकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि इस ग्रह पर चट्टान, रेत या धूल जैसी भौतिक सामग्री मौजूद हैं कि नहीं। इसका डेटा इन सामग्रियों के गर्म होने और उनके ठंडे होने के तरीकों का भी पता लगाता है।
ओडिसी ने अंतरिक्ष में 20 साल पूरे किए
इन दोनों तस्वीरों को मार्स ओडिसी ऑर्बिटर ने नवंबर 2002 और नवंबर 2004 के दौरान ली थी। जिसे नासा ने इस ऑर्बिटर के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी किया है। 7 अप्रैल, 2001 को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल एयर फोर्स स्टेशन से ओडिसी को लॉन्च किया गया था। यह आजतक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मंगल पर काम करने वाला अंतरिक्ष यान बन गया है।
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