विज्ञान

नासा ने किया कंपनी का चयन, मंगल से कैसे आएंगे मिट्टी के नमूने

Gulabi
9 Feb 2022 1:49 PM GMT
नासा ने किया कंपनी का चयन, मंगल से कैसे आएंगे मिट्टी के नमूने
x
नासा ने किया कंपनी का चयन
नासा (NASA) का पर्सिवियरेंस रोवर मंगल पर मिट्टी और चट्टानों के नमूने जमा कर रहा है. वहीं इन नमूनों को पृथ्वी तक लाने की तैयारी मार्स सैंपल रिटर्न प्रोग्राम (Mars Sample Return Program) के तहत होनी है जिसकी भी तैयारियां चल रही हैं. इस काम के लिए यह पहली रोबोटिक यात्रा होगी और इसके लिए मार्स एसेंट व्हीकल (Mars Ascent Vehicle) मंगल तक भेजा जाएगा जो एक छोटा हलके भार का लाइटवेट रॉकेट होगा जिसका काम मंगल के चट्टानों, मिट्टी और हवाओं के नमूनों का मंगल की सतह से प्रक्षेपण करना होगा. इसके लिए नासा ने लॉकहीड मार्टिन स्पेस लिटिलटन को ठेका दिया है.
एक बड़ी मिसाल और उपलब्धि होगी
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने बताया, "यह काम दुनिया को प्रेरित करेगा जब पहला रोबोटिक अभियान किसी दूसरे ग्रह से नमूने लेकर आएगा. यह मंगल ग्रह पर पहला एस्ट्रोनॉट भेजने की मददगार साबित होगा. अमेरिका का हमारे मार्स सैम्पल रिटर्न कार्यक्रम में किया गया निवेश सर्वोच्च प्राथमिकता वाले ग्रह विज्ञान के लक्ष्यों को हासिल करेगा और हमारी वैश्विक साझेदारी के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करेगा. जिसमें अन्वेशषण और खोजों में नासा का नेतृत्व सुनिश्चित हो सके.
मंगल पर जाएगा एक लैंडर
एमएवी किसी दूसरे ग्रह से प्रक्षेपित किया जाने वाला पहले रॉकेट होगा. यह मंगल से नमूने लाने के काम में बहुत महत्वपूर्ण चरण होगा जिससे मंगल पर पर्सिवियरेंस द्वारा जमा किए गए नमूने पृथ्वी पर उन्नत अध्ययन के लिए लाए जा सकेंगे. इसके साथ ही नासा का सैम्पल रिटर्न लैंडर जो इस अभियान का एक और हिस्सा है एमएवी को मंगल की सतह पर ले जा कर जेजीरो क्रेटर या उसके पास उतरेगा.
फिर ईएसए की भूमिका
जमा किए गए नमूने लैंडर के पास लाए जाएंगे जो प्रक्षेपण के लिए मंच का काम करेगा. इसके बाद सभी नमूनों को सुरक्षित रखे जाने के बाद एमएवी का प्रक्षेपण किया जाएगा. एक बार मंगल ग्रह की कक्षा में पुहंचने के बाद यह कंटेनर यूरोपीय स्पेस एजेंसी के रिटर्न ऑर्बिटर स्पेस क्राफ्ट तक पहुंचेगा.
केवल जाना ही नहीं वापस भी आना है
ईएसए के अंतरिक्ष यान पर ही नासा का कैप्चर, कंटेनमेंट और रिटर्न सैंपल पेलोड लगा होगा. जिसमें केंटेनर पहुंचने के बाद यान पृथ्वी की ओर साल 2030 के मध्य तक लौटेगा.नासा विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल मंगल ग्रह पर कोई यान भेजने जैसा अभियान नहीं है बल्कि मंगल से भी प्रक्षेपित होकर वापस आने का अभियान है.
एक जटिल काम है ये
अभी मंगल पर नमूने जमा करने का काम पूरा होने को है. यह पहली बार होगा जब किसी दूसरे ग्रह से नमूने पृथ्वी पर आएंगे. एक बार पृथ्वी पर पहुंचने के बाद इनका गहराई से अध्ययन हो सकेगा. लेकिन इन नमूनों को लाना एक जटिल काम है. एमएवी मंगल के कठिन वातवारण को झेलने के लायक होना होगा वह दूसरे अंतरिक्ष यान केसाथ मिलकर काम करने लायक होना चाहिए.
क्या क्या देगी कंपनी
यह इतना छोटा होना चाहिए कि सैम्पल रिट्राइवल लैंडर में फिट हो सके. लैंडर को साल 2026 के शुरुआत में प्रक्षेपित किया जाएगा जिसे नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किया जाएगा. लॉकहीड मार्टिन स्पेस बहुत सारी एमएवी टेस्ट यूनिट प्रदान करेगा और इसके साथ एक फ्लाइट यूनिट भी मुहैया कराएगी. इसमें जमीन से सहयोग लेने वाले उपकरण भी शामिल होंगे.
यह नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी का पहला अभियान होगा जिसके जरिए किसी दूसरे ग्रह से नमूनों को पृथ्वी पर ला जा रहा है. पर्सिवियरेंस रोवर द्वारा जमा किए गए नमूनों से मगंल के पुरातन इतिहास की जानकारी मिल सकेगी और इस बात की भी पुष्टि हो सकेगी कि क्या मंगल पर कभी जीवन रहा था या नहीं. इसके अलावा भी इन नमूनों से बहुत सी बातें पता चल सकेंगी.
Next Story