विज्ञान

NASA की रिपोर्ट में दावा - 2100 तक पानी में डूब जाएंगे भारत के ये 12 शहर

Rani Sahu
11 Aug 2021 10:08 AM GMT
NASA की रिपोर्ट में दावा - 2100 तक पानी में डूब जाएंगे भारत के ये 12 शहर
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भारत को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आज से 80 साल बाद यानी 2100 तक भारत के 12 शहर 3 फीट पानी में डूब जाएंगे

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भारत को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आज से 80 साल बाद यानी 2100 तक भारत के 12 शहर 3 फीट पानी में डूब जाएंगे. इस रिपोर्ट की मानें तो मैदानी इलाकों में भारी तबाही आएगी. ये सब ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) के चलते ध्रुवों पर जमी बर्फ के पिघलने से होगा.

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ओखा, मोरमुगाओ, भावनगर, मुंबई, मैंगलोर, चेन्नई, विशाखापट्टनम, तूतीकोरन कोच्चि, पारादीप और पश्चिमी बंगाल के किडरोपोर तटीय इलाकों पर ग्लोबल वॉर्मिंग के असर से बर्फ के पिघलने का असर ज्यादा दिखेगा.ऐसे में भविष्य में तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना होगा.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल का किडरोपोर इलाका, जहां पिछले साल तक समुद्री जलस्तर के बढ़ने का कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा है. वहां पर भी साल 2100 तक आधा फीट पानी बढ़ जाएगा.
नासा ने बनाया सी लेवल प्रोजेक्शन टूल
दरअसल, नासा ने एक सी लेवल प्रोजेक्शन टूल बनाया है. इससे समुद्री तटों पर आने वाली आपदा से वक्त रहते लोगों को निकालने और जरूरी इंतजाम करने में मदद मिलेगी. इस ऑनलाइन टूल के जरिए कोई भी भविष्य में आने वाली आपदा यानी बढ़ते समुद्री जलस्तर का पता कर सकेगा.
नासा ने इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कई शहरों के समुद्र में डूब जाने की चेतावनी दी है. IPCC की ये छठी एसेसमेंट रिपोर्ट है, जो 9 अगस्त को जारी की गयी थी.
मैदानी इलाकों में मचेगी तबाही
नासा की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2100 तक दुनिया का तापमान काफी बढ़ जाएगा. लोगों को भयानक गर्मी झेलनी पड़ेगी. कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका गया, तो तापमान में औसतन 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. अगले दो दशक में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा. इस तेजी से पारा चढ़ेगा तो ग्लेशियर भी पिघलेंगे. इनका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही लेकर आएगा.


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