विज्ञान

NASA ने जारी किए 22 Black holes के दृश्य, जो पहले कभी नहीं देखे गए थे, देखिए Video

Tulsi Rao
5 May 2022 2:27 PM GMT
NASA ने जारी किए 22 Black holes के दृश्य, जो पहले कभी नहीं देखे गए थे, देखिए Video
x

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा ने 22 ब्लैक होल के विजुअल जारी किए हैं, जो पहले कभी नहीं देखे गए थे। ब्लैक होल अंधकारमय पाताल की तरह होते हैं, जो सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में मौजूद हैं। नासा इन अद्भुत रहस्यमयी चीजों का विस्तृत अध्ययन कर रहा है, जिससे उनकी प्रकृति को समझा जा सके और यह पता चल सके कि आकाशगंगाओं के विकास में इनकी क्या भूमिका होती है। अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन ने अब हमारी आकाशगंगा में मौजूद ऐसी ही 22 ब्लैक होल के विजुअल्स जारी किए हैं, जो अपने आप में अनोखे हैं।

नासा ने 22 ब्लैक होल के दृश्य जारी किए
सूरज से करीब 20 गुना ज्यादा द्रव्यमान के साथ पैदा हुए तारे अपना जीवन ब्लैक होल के रूप में समाप्त कर लेते हैं। जैसा कि नाम से जाहिर है कि ब्लैक होल अपने दम पर नहीं चमक पाते, क्योंकि उनसे होकर कुछ भी नहीं गुजर सकता, यहां तक कि प्रकाश भी नहीं। 2015 तक जब खगोल वैज्ञानिकों ने पहली बार अंतरिक्ष-समय तरंगों या गुरुत्वाकर्षण तरंगों के जरिए ब्लैक होल के विलय का पता लगाया था, इन काली पहेलियों के बारे में जानने का मुख्य तरीका बाइनरी सिस्टम में उनकी खोज करना था, जहां वे साथी सितारों पर परस्पर प्रभाव डालते थे। नासा का कहना है कि यह करने का सबसे बेहतर तरीका एक्स-रे में देखना था।
पूरा सिस्टम एक ही भौतिक पैमाने पर दिखाई देता है
नासा ने जो मानसिक चित्रण (विजुअलाइजेशन) किया है, वे हमारी आकाशगंगा और उसके सबसे करीबी पड़ोसी यानी लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड में 22 एक्स-रे बाइनरी दिखाता है; और यह समूह नक्षत्रीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल की पुष्टि करता है। यह पूरा सिस्टम एक ही भौतिक पैमाने पर दिखाई देता है, जिससे उनकी विविधता भी जाहिर होती है। नासा का यह भी कहना है कि कक्षा में उनकी गति लगभग 22,000 गुना बढ़ जाती है; और देखने के कोण की प्रतिकृति इसपर निर्भर है कि हम उन्हें पृथ्वी से कैसे देखते हैं।
तारे से गैस की धारा ब्लैक होल में प्रवाहित हो सकती है
जब एक तारे के साथ युगलबंदी की जाती है तो ब्लैक होल दो तरीकों से पदार्थ इकट्ठे कर सकता है। कई मामलों में गैस की एक धारा सीधे तारे से ब्लैक होल में प्रवाहित हो सकती है। कुछ ऐसे भी मामले होते हैं जैसे कि Cygnus X-1, जो कि पहला कंफर्म ब्लैक होल सिस्टम है, तारे घने चीज उत्पादित करता है,जिसे कि नक्षत्रीय पवन कहते हैं। इनमें से कुछ ब्लैक होल के तीव्र गुरुत्वाकर्षण की वजह से एकत्र हो जाते हैं। अब तक, इस बात पर कोई साफ सहमति नहीं है कि जीआरएस 1915 (विजुअलाइजेशन सेंटर के बड़े सिस्टम ) की ओर से किस मोड का इस्तेमाल किया जाता है।
इसे भी पढ़ें-29 मई को पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा 'खतरा', 47,196 km प्रति घंटे की होगी रफ्तारइसे भी पढ़ें-29 मई को पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा 'खतरा', 47,196 km प्रति घंटे की होगी रफ्तार
तारे के रंग तापमान जाहिर करते हैं
जैसे ही यह ब्लैक होल तक पहुंचता है, गैस कक्षा में जाती है और एक बड़ी, चपटी संरचना बनाती है, जिसे अक्रीशन डिस्क कहते हैं। जीआरएस 1915 अक्रीशन डिस्क 8 करोड़ किलोमीटर तक विस्तृत हो सकते हैं, जो कि बुध और सूर्य की दूरी से भी ज्यादा है। डिस्क में धीरे-धीरे अंदर की ओर घूमती हुई गैस गर्म हो जाती है, जो दिखने में चमकीली, अल्ट्रावॉयलेट होती हैं और आखिरकार एक्स-रे बन जाती है। तारे के रंग (कलर टेम्प्रेचर) नीले-सफेद से लेकर लाल रंग के होते हैं, जो सूर्य से 5 गुना ज्यादा गर्म से लेकर 45% ठंडे तापमान को जाहिर करते हैं। नासा का पूरा लेख देखें


Next Story